हर क्षेत्र में पिटी महाविकास आघाड़ी, उत्तर महाराष्ट्र में उद्धव सेना साफ; तो शरद पवार की पार्टी का रहा बुरा हाल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी के प्रमुख दल अपने-अपने गढ़ों में ही पिटते दिखाई दिए। विदर्भ में कांग्रेस को सिर्फ नौ सीटों से संतोष करना पड़ा है। उत्तर महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) साफ हो गई है। जबकि महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार का तो उत्तर महाराष्ट्र के साथ ही मुंबई और विदर्भ में भी खाता नहीं खुल सका है।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी के प्रमुख दल अपने-अपने गढ़ों में ही पिटते दिखाई दिए। शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे मुंबई, ठाणे और कोंकण को अपना सबसे मजबूत गढ़ मानते रहे हैं। वास्तव में मुंबई को भी कोंकण का ही एक भाग माना जाता है।
विदर्भ क्षेत्र पर कांग्रेस को बहुत भरोसा था
मुंबई और कोंकण को मिलाकर 75 सीटें आती हैं। इनमें से उद्धव ठाकरे को सिर्फ 10 सीटें मिली हैं। जबकि शिवसेना (शिंदे) को 22 और भाजपा को 31 सीटें मिली हैं। 62 सीटों वाले विदर्भ क्षेत्र पर कांग्रेस को बहुत भरोसा था। वह मान रही थी कि विदर्भ ही उसकी सत्ता में वापसी का मार्ग बनेगा। उसके अध्यक्ष नाना पटोले एवं नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार भी विदर्भ से ही आते हैं।
इस बार विदर्भ में कांग्रेस को सिर्फ नौ सीटों से संतोष करना पड़ा है। शिवसेना (यूबीटी) को यहां चार सीटें मिली हैं। जबकि, भाजपा पिछले चुनाव की तुलना में आठ सीटें अधिक 37 सीटें जीती है। यहां शिवसेना (शिंदे) को चार एवं राकांपा (अजीत पवार) को छह सीटें मिली हैं।
पश्चिम महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी साफ
58 सीटों वाला पश्चिम महाराष्ट्र शरद पवार और कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। यहां पवार के उम्मीदवारों का मुख्य मुकाबला अजित पवार के उम्मीदवारों से था। लेकिन, शरद पवार को इस क्षेत्र में सिर्फ सात सीटें और कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली हैं। जबकि, अजीत पवार को 11, भाजपा को 24 और शिवसेना (शिंदे) को सात सीटें मिली हैं। 47 सीटों वाला उत्तर महाराष्ट्र हमेशा से भाजपा का गढ़ रहा है। यहां इस बार भाजपा को 20, शिवसेना (शिंदे) को 11, राकांपा (अजीत) को 11 तथा कांग्रेस को दो सीटें मिली हैं।
उत्तर महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) साफ
उत्तर महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) साफ हो गई है। जबकि महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार का तो उत्तर महाराष्ट्र के साथ ही मुंबई और विदर्भ में भी खाता नहीं खुल सका है। 46 सीटों वाले मराठवाड़ा ने लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक चोट भाजपा को पहुंचाई थी। यहां उसका खाता भी नहीं खुल सका था।मराठवाड़ा से इस बार भी भाजपा को ज्यादा उम्मीद नहीं थी
मराठों को ओबीसी कोटे में आरक्षण देने के लिए लड़ रहे मनोज जरांगे पाटिल के प्रभाव क्षेत्र वाले मराठवाड़ा से इस बार भी भाजपा को ज्यादा उम्मीद नहीं थी। लेकिन मराठवाड़ा ने भाजपा को 19, शिवसेना(यूबीटी) को 12 और राकांपा (अजीत) को आठ सीटें दी हैं। जबकि कांग्रेस को सिर्फ एक, शिवसेना (यूबीटी) को तीन और राकांपा (शरदचंद्र पवार) को दो सीटें मिली हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।