महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा फिर से गरमाया, हजारों कार्यकर्ता मुंबई की ओर निकले; अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर फिर से हलचल तेज हो गई है। मराठा आरक्षण की मांग कर रहे हजारों कार्यकर्ता गुरुवार दोपहर लोनावाला से मुंबई की ओर निकल गए हैं। इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस मुद्दे को हल करने अपील की। आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ताओं ने भूख हड़ताल की भी चेतावनी दी है।
पीटीआई, पुणे। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर फिर से हलचल तेज हो गई है। मराठा आरक्षण की मांग कर रहे हजारों कार्यकर्ता गुरुवार दोपहर लोनावाला से मुंबई की ओर निकल गए हैं। इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस मुद्दे को हल करने अपील की।
मनोज जारांगे ने सीएम से की अपील
मनोज जारांगे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों से एक साथ आने की अपील करते हुए कहा कि इस मुद्दे का हल करें। उन्होंने कहा कि दो आधिकारिक प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे मुलाकात की। हालांकि, प्रतिनिधिमंडलों ने उन्हीं पुरानी बिंदुओं पर बात की, जिन पर पहले भी बात हुई है।
मुंबई की ओर निकले कार्यकर्ता
बता दें कि मराठा आरक्षण की मांग कर रहे हजारों कार्यकर्ता 20 जनवरी को जालना जिले से मुंबई की ओर मार्च किया था। उनलोगों की मांग है कि राज्य सरकार नौकरियों और शिक्षा में ओबीसी समूह के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान करें।
मनोज जारांगे ने कार्यकर्ताओं से कहा कि उनसे एक प्रतिनिधिमंडल मिलने के लिए आएगा, जिस पर कार्यकताओं ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो वह उनसे रास्ते में ही मिलेंगे और आगे नहीं बढ़ेंगे।
मराठा आरक्षण मुद्दे को हल करने की मांग
मनोज जारांगे ने कहा कि हम यहां मनोरंजन करने के लिए नहीं आए हैं। मराठा समुदाय की ओर से मैं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार से अपील करता हूं कि वे इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक साथ आएं और इसका समाधान करें। इसके साथ ही जारांगे ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे लोग शांत रहें और उत्तेजित न हो।
भूख हड़ताल की चेतावनी
मनोज जारांगे ने अपनी मांग को लेकर 26 जनवरी से मुंबई में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने की घोषणा की है। उनकी मांग है कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठों को आरक्षण दी जाए।
इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को मराठा समुदाय के सदस्यों से विरोध प्रदर्शन नहीं करने की अपील की थी। साथ ही सीएम ने कहा कि राज्य सरकार उनके बारे में साकारात्मक सोच रही है।