मनोज जारांगे ने OBC श्रेणी के तहत मराठा आरक्षण की मांग दोहराई, बोले- सरकार के निर्णय के बाद उठाएंगे अगला कदम
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे (Manoj Jarange) ने मंगलवार को ओबीसी श्रेणी के तहत मराठा कोटा की मांग दोहराई। जारांगे ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि महाराष्ट्र सरकार हमारे सुमदाय को 10 प्रतिशत या 20 प्रतिशत आरक्षण देती है। उन्होंने अपनी मांग दोहराई कि मराठा कोटा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत होना चाहिए इससे अलग नहीं।
पीटीआई, छत्रपति संभाजीनगर। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने मंगलवार को ओबीसी श्रेणी के तहत मराठा कोटा की मांग दोहराई। जारांगे ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि महाराष्ट्र सरकार हमारे सुमदाय को 10 प्रतिशत या 20 प्रतिशत आरक्षण देती है। उन्होंने अपनी मांग दोहराई कि मराठा कोटा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत होना चाहिए, इससे अलग नहीं।
राज्य सरकार के निर्णय के बाद अगला कदम उठाएंगे जारांगे
महाराष्ट्र के जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में पत्रकारों से बात करते हुए मनोज जारांगे ने कहा कि वह इंतजार करेंगे और देखेंगे कि राज्य सरकार क्या निर्णय लेती है। इसके बाद हम अपने आंदोलन के बारे में फैसला करेंगे।
महाराष्ट्र में विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय के आरक्षण और अन्य मांगों पर चर्चा के लिए मंगलवार को राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र आयोजित किया है।मनोज जारांगे ने कहा,
सरकार हमें वह दे रही है जिसकी हमें जरूरत नहीं है। हम अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण चाहते हैं, सरकार इसके बदले हमें अलग कोटा दे रहे हैं। अगर सरकार इस पर चर्चा नहीं करती है और मसौदा अधिसूचना को लागू नहीं करती है, तो हम कल आंदोलन की दिशा तय करेंगे।
क्या है मनोज जारांगे की मांग?
मराठों को अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण देने के राज्य सरकार के प्रस्ताव के बारे में पूछने पर मनोज जारांगे ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सरकार समुदाय के लिए 10 प्रतिशत या 20 प्रतिशत आरक्षण देती है, कोटा ओबीसी श्रेणी के तहत होना चाहिए न कि अलग से।छगन भुजबल पर आरोप
साथ ही मनोज जारांगे ने आरक्षण मुद्दे को भटकाने की कोशिश के लिए सरकार की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार मंत्री छगन भुजबल के प्रभाव में काम कर रही है, जो ओबीसी कोटा में मराठा आरक्षण का विरोध कर रहे हैं।
बता दें कि मनोज जारांगे आरक्षण मुद्दे को लेकर 10 फरवरी से भूख हड़ताल पर हैं। वह इससे पहले भी भूख हड़ताल कर चुके हैं और एक साल से भी कम समय में यह चौथी बार है, जब वह अपनी मांग को लेकर भूख हड़ताल पर हैं।
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