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मनोज जरांगे बोले- हम सरकार को पांच मिनट भी नहीं देंगे, मराठा कोटा पर फैसले के लिए अधिक समय क्यों चाहिए बताएं?

कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार (1 नवंबर) को महाराष्ट्र सरकार से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या वह पूरे मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए तैयार है? जरांगे ने कहा कि राज्य सरकार को मराठों को कोटा देने में अधिक समय क्यों चाहिए? दरअसल इससे पहले सीएम शिंदे ने मनोज जरांगे से अनिश्चितकालीन अनशन को खत्म करने और सरकार को कुछ समय देने की अपील की थी।

By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Wed, 01 Nov 2023 06:17 PM (IST)
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हम सरकार के लिए पांच मिनट भी नहीं देंगे- जरांगे (फोटो एक्स)
पीटीआई, छत्रपति संभाजीनगर। कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार (1 नवंबर) को महाराष्ट्र सरकार से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या वह पूरे मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए तैयार है? जरांगे ने कहा कि राज्य सरकार को मराठों को कोटा देने में अधिक समय क्यों चाहिए? दरअसल, इससे पहले सर्वदलीय बैठक के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने मनोज जरांगे से अनिश्चितकालीन अनशन को खत्म करने और सरकार को कुछ समय देने की अपील की थी।

मराठा आरक्षण का मांग को लेकर जालना जिले के अपने पैतृक अंतरवाली सरती गांव में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे जारांगे ने राज्य सरकार से पूछा कि हमारी मांग को पूरा करने के लिए उसे कितना समय चाहिए? उन्होंने सरकार से धरना स्थल पर आकर बातचीत करने को भी कहा।

जरांगे से सरकार के साथ सहयोग करने का आग्रह- सीएम

मनोज जरांगे की यह टिप्पणी मराठा आरक्षण मुद्दे पर चर्चा के लिए आज मुंबई में महाराष्ट्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद आई है। बैठक के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जरांगे से अपना अनशन वापस लेने और सरकार के साथ सहयोग करने का आग्रह किया। सीएम ने जरांगे से कहा कि राज्य को सुप्रीम कोर्ट में दायर उपचारात्मक याचिका की तैयारी के लिए कुछ समय चाहिए।

'आरक्षण लागू करने के लिए कानूनी तौर-तरीकों के लिए समय चाहिए'

शिंदे ने कहा, सरकार को आरक्षण लागू करने के लिए कानूनी तौर-तरीकों के लिए भी समय चाहिए। इसका जिक्र करते हुए जरांगे ने कहा, "सर्वदलीय बैठक के दौरान क्या हुआ, इसके बारे में मैं नहीं जानना चाहता। सरकार कहती है कि उन्हें समय चाहिए। उन्हें हमें बताना चाहिए कि उन्हें कितना समय चाहिए और हमें यह भी बताना चाहिए कि उन्हें क्या करना है।" समस्या मराठा समुदाय को आरक्षण देने में है। हम फिर इस बारे में सोचेंगे।"

हम सरकार के लिए पांच मिनट भी नहीं देंगे- जरांगे

मनोज जरांगे ने आगे कहा कि सरकार को पहले ही इसका एहसास करना चाहिए था और ज्यादा समय की मांग करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, "लेकिन सरकार मेरे आंदोलन के 8-10 दिन बाद समय मांगने लगती है। उन्हें विस्तार से बताना चाहिए कि वे क्या करने जा रहे हैं। अगर वे केवल कुछ समय के लिए ऐसा करने जा रहे हैं, तो हम सरकार के लिए पांच मिनट भी नहीं देंगे।"

सरकार ने पहले 40 दिन का समय लिया था

उन्होंने कहा, "जब सरकार ने पहले 40 दिन का समय लिया था, तो सभी राजनीतिक पार्टियां वहां थीं, इसलिए मराठा अब समझ गए हैं कि कोई भी राजनीतिक दल सही मायने में उनका नहीं है। सरकार को केवल कागज लिखकर हमें मूर्ख नहीं बनाना चाहिए। उन्हें हमें बताना चाहिए कि वे हमें कैसे आरक्षण देंगे।"

बता दें कि जरांगे इससे पहले अगस्त के आखिरी हफ्ते में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे थे और 14 सितंबर को सीएम शिंदे द्वारा मांग पर विचार करने के आश्वासन के बाद उन्होंने इसे खत्म कर दिया था। उस समय जरांगे ने मराठा आरक्षण की मांग को पूरा करने के लिए सरकार के सामने 40 दिन की समयसीमा तय की थी।

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