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Maratha Quota Reservation: मनोज जरांगे ने दी 10 फरवरी को भूख हड़ताल की धमकी, ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पर मांगा स्पष्टीकरण

मराठा आरक्षण के नेता मनोज जरांगे ने कहा है कि अगर सरकार पिछले महीने जारी मसौदा अधिसूचना में उल्लिखित रक्त संबंधियों शब्द के दायरे को समझाने में विफल रही तो 10 फरवरी को भूख हड़ताल शुरू की जाएगी। जरांगे ने दावा किया कि आरक्षण के लिए विरोध प्रदर्शन से लगभग 39 लाख मराठों को फायदा हुआ है और इस आंदोलन ने उस समुदाय को एकजुट किया है।

By Agency Edited By: Shalini Kumari Updated: Mon, 05 Feb 2024 04:54 PM (IST)
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मनोज जरांगे ने दी भूख हड़ताल की चेतावनी (फाइल फोटो)

पीटीआई, जलाना। ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सोमवार को एक बार फिर धमकी दी है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार पिछले महीने जारी मसौदा अधिसूचना में उल्लिखित 'रक्त संबंधियों' शब्द के दायरे को समझाने में विफल रही तो 10 फरवरी को भूख हड़ताल शुरू की जाएगी।

सरकार ने कहा था कि किसी मराठा व्यक्ति के रक्त संबंधियों के पास यह दर्शाने के लिए रिकॉर्ड होगा कि वह कुनबी समुदाय से है, तो उसे भी कुनबी के रूप में मान्यता दी जाएगी।

10 फरवरी तक दें स्पष्ट बयान

जरांगे ने मांग की है कि महाराष्ट्र में सभी मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए। जलाना जिले के अंतरवाली सरती गांव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जरांगे ने दावा किया कि कुनबी जाति से संबंधित 54 लाख दस्तावेज खोजे गए हैं और ये साबित करते हैं कि मराठा कुनबी हैं।

कार्यकर्ता ने कहा कि अगर सरकार मराठों के लिए कुनबी जाति प्रमाण पत्र पर मसौदा अधिसूचना में उल्लिखित रक्त संबंध शब्द के बारे में 10 फरवरी तक स्पष्ट और संतोषजनक प्रतिक्रिया देने में विफल रहती है, तो वह भूख हड़ताल करेंगे।

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39 लाख मराठों को हुआ फायदा- जरांगे

जरांगे ने दावा किया कि आरक्षण के लिए विरोध प्रदर्शन से लगभग 39 लाख मराठों को फायदा हुआ है और इस आंदोलन ने उस समुदाय को एकजुट किया है, जो ऐतिहासिक रूप से विभाजित था। उन्होंने आरोप लगाया कि मराठा संगठनों के कुछ नेता आरक्षण के बारे में सकारात्मक चर्चा पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय समुदाय को विभाजित करने के लिए सोशल मीडिया पर संदेश पोस्ट कर रहे हैं और लोगों से एकता पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।

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