महाराष्ट्र: मराठा आरक्षण को लेकर जालना में बवाल, हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल; 300 से ज्यादा आरोपियों पर FIR
मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के जालना में हिंसक आंदोलन हुए। इस मामले में पुलिस ने 360 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया है। औरंगाबाद रेंज के स्पेशल आईजी ज्ञानेश्वर चव्हाण ने प्रदर्शन के दौरान घायल हुए पुलिसकर्मियों से मुलाकात की। बता दें कि हिंसा में करीब 40 पुलिसकर्मी और कुछ अन्य लोग घायल हुए हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की शांति की अपील की।
मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र में एक बार फिर मराठा आरक्षण का मुद्दा भड़क उठा है। शुक्रवार (1 सितंबर) को कुछ मराठा समूहों द्वारा हिंसक आंदोलन सोलापुर, औरंगाबाद, नागपुर और महाराष्ट्र के अन्य जिलों तक फैल गया। इस विरोध प्रदर्शन में कुछ पुलिसकर्मियों और अन्य के घायल होने की भी खबर है।
हालांकि, आज स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस ने 360 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया है। हिंसा में संलिप्तता के लिए 16 लोगों की पहचान की गई है। इस बीच औरंगाबाद रेंज के स्पेशल आईजी ज्ञानेश्वर चव्हाण ने जालना में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और उनसे उलका हाल पूछा।
कांग्रेस नेता का भाजपा सरकार पर आरोप
मराठा आरक्षण को लेकर प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज पर महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि 'सरकार ने जानबूझकर इस आंदोलन को कुचलने के लिए ऐसा किया है। वे मराठों को आरक्षण नहीं दे सकते। चुनाव के दौरान फायदा उन्होंने मराठा समुदाय को गुमराह किया।
VIDEO | Aurangabad Range Special IG Dnyaneshwar Chavan met those injured in the police lathi-charge during a protest for Maratha reservation in Jalna, Maharashtra. pic.twitter.com/ngJ8J7LdLs
मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल
मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मंगलवार से गांव में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे थे। मामला तूल तब पकड़ा जब डॉक्टरों की सलाह पर पुलिस ने जारांगे को अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की। इसके बाद हिंसा भड़क गई। आंदोलनकारियों ने मांग की है कि जब तक सरकार समुदाय को आरक्षण नहीं देती तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे। हिंसा में करीब 40 पुलिसकर्मी और कुछ अन्य लोग घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने कम से कम 15 राज्य परिवहन बसों और कुछ निजी वाहनों को आग लगा दी।
40 पुलिसकर्मी घायल
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 333 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत केस दर्ज कर दिया है। जालना के पुलिस अधीक्षक (एसपी) तुषार दोशी ने बताया कि हिंसा में लगभग 40 पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्लास्टिक की गोलियों और आंसू के गोले का इस्तेमाल किया।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की शांति की अपील
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को शांति की अपील की और घोषणा की कि हिंसा की उच्च स्तरीय जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए आरक्षण को पहले सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था।