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Maratha Reservation: मराठा आरक्षण को लेकर शिंदे सरकार के मंत्रियों में तकरार, BJP मंत्री बोले- राई का ना बनाए पहाड़

Maratha Reservation महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब राज्य सरकार के मंत्रियों में भी आपस में तकरार शुरू हो गई है। मंत्री छगन भुजबल अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के पक्ष में आवाज उठा रहे हैं तो मराठा समुदाय से आने वाले राधाकृष्ण विखे पाटिल ने भुजबल को त्यागपत्र देने की सलाह दे डाली है।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Thu, 30 Nov 2023 07:31 AM (IST)
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मराठा आरक्षण को लेकर शिंदे सरकार के मंत्रियों में तकरार
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब राज्य सरकार के मंत्रियों में भी आपस में तकरार शुरू हो गई है। मंत्री छगन भुजबल अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के पक्ष में आवाज उठा रहे हैं, तो मराठा समुदाय से आने वाले राधाकृष्ण विखे पाटिल ने भुजबल को त्यागपत्र देने की सलाह दे डाली है। इस बढ़ती तकरार के बीच बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर आपसी तकरार से बचने की सलाह दी है। 

राज्य सरकार में राकांपा अजीत पवार गुट से मंत्री बने छगन भुजबल पिछले कुछ दिनों से मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल के विरोध में खुलकर बोल रहे हैं। वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की एकजुटता दिखाने के लिए दो बड़ी रैलियां भी कर चुके हैं। इससे ओबीसी और मराठा समाज में टकराव की स्थिति बनती जा रही है। बुधवार को कोल्हापुर में इसी मुद्दे पर पत्रकारों से बात करते हुए राज्य सरकार में भाजपा कोटे से वरिष्ठ मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा है कि भुजबल को मराठा आरक्षण के मुद्दे को राई का पहाड़ नहीं बनाना चाहिए।

इससे दो समुदायों में अनावश्यक विवाद पैदा हो रहा है। अभी लोग उन्हें सम्मान दे रहे हैं। कल को लोग उनका त्यागपत्र मांगना शुरू कर देंगे। इसलिए यदि उन्हें ओबीसी आंदोलनकर्ता की भूमिका निभानी है, तो उन्हें मंत्री पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए। विखे पाटिल के अनुसार, सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि भुजबल को इस मुद्दे पर संयम से काम लेना चाहिए। गौरतलब है कि राकांपा शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा है कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सरकार एक सुर में नहीं बोल रही है। मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री कुछ बोल रहे हैं, तो मंत्री कुछ और बोल रहे हैं। 

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