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Maratha Reservation : महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन जारी, छत्रपति संभाजीनगर जिले में इंटरनेट सेवा बंद

महाराष्ट्र में जारी मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए छत्रपति संभाजीनगर के ज्यादातर हिस्सों में गुरुवार को इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं। जिले में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुजाता सौनिक से आदेश मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है। अधिकारी ने बताया कि कानून-व्यवस्था को बनाए रखने और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवा को निलंबित किया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Thu, 02 Nov 2023 09:22 AM (IST)
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छत्रपति संभाजीनगर जिले के ज्यादातर हिस्सों में गुरुवार को इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।
एएनआई/पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र में जारी मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए छत्रपति संभाजीनगर के ज्यादातर हिस्सों में गुरुवार को इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। एक अधिकारी ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुजाता सौनिक से आदेश मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है।

अधिकारी के मुताबिक, छत्रपति संभाजीनगर शहर को छोड़कर यह आदेश गंगापुर, विजयपुर, खुल्दाबाद, फुलंब्री, सिल्लोड, कन्नड, पैठण, सोय्गओं और छत्रपति संभाजीनगर तालुकाओं में लागू रहेगा। अधिकारी ने बताया कि कानून-व्यवस्था को बनाए रखने और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए डोंगल, ब्रॉडबैंड, वायरलाइन इंटरनेट, फाइबर इंटरनेट के माध्यम से दी जाने वाली इंटनेट सेवा को कुछ अवधि के लिए बंद कर दिया गया है।

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जिले में इसलिए बंद करना पड़ा इंटरनेट

मराठा आरक्षण आंदोलन के कारण राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पिछले कुछ घंटों में खराब हो गई है, जिसके कारण अधिकारियों को गुरुवार को छत्रपति संभाजीनगर जिले में इंटरनेट सेवाओं को बंद करना पड़ा।इससे पहले बुधवार को एक अधिकारी ने जानकारी दी थी कि मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए छत्रपति संभाजीनगर जिले में इंटरनेट - मोबाइल और ब्रॉडबैंड दोनों सेवाओं को बंद करने का निर्णय लिया गया है।

छत्रपति संभाजीनगर जिले में इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का निर्णय आगजनी और दंगे की घटनाओं के बाद लिया गया। बुधवार को महाराष्ट्र के अन्य इलाकों में भी विरोध प्रदर्शन और आगजनी की खबरें आईं। इस बीच, मराठा क्रांति मोर्चा (एमकेएम) के सदस्यों, वकीलों और मराठा समुदाय से जुड़े किसानों ने लातूर शहर में विरोध प्रदर्शन किया और दावा किया कि स्वतंत्रता-पूर्व काल और निज़ाम युग के रिकॉर्ड के अनुसार मराठा कुनबी हैं, जो उन्हें ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण पाने के योग्य बनाता है।

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा भूख हड़ताल शुरू करने के बाद पिछले तीन दिनों में महाराष्ट्र के कई हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी।

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