Maratha Reservation: कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने को महाराष्ट्र सरकार तैयार! गठित समिति की रिपोर्ट पर रास्ता साफ
महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को मराठवाड़ा क्षेत्र में मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया तय करने के लिए नियुक्त सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप शिंदे की अध्यक्षता वाली समिति की पहली रिपोर्ट स्वीकार कर ली। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुनबी समुदाय ओबीसी श्रेणी में आरक्षण के लिए पात्र है।
By Jagran NewsEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Tue, 31 Oct 2023 04:11 PM (IST)
पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को मराठवाड़ा क्षेत्र में मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया तय करने के लिए नियुक्त सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप शिंदे की अध्यक्षता वाली समिति की पहली रिपोर्ट स्वीकार कर ली। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
कुनबी समुदाय ओबीसी श्रेणी में आरक्षण के लिए पात्र है। मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जारांगे के अनिश्चितकालीन अनशन और राज्य के कुछ हिस्सों में इस मांग को लेकर हिंसा की घटनाओं के बीच यह फैसला आया है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया कि ओबीसी आयोग मराठा समुदाय के शैक्षिक और सामाजिक पिछड़ेपन का आंकलन करने के लिए ताजा डेटा एकत्र करेगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया, “न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) संदीप शिंदे समिति की पहली रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।”
यह भी पढ़ें: Maratha Reservation: मराठा आरक्षण को लेकर भड़की चिंगारी, Pune-Bengaluru Highway पर लगाया जाम; CM शिंदे ने जारांगे से की बातकैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया कि मराठा आरक्षण की मांग से संबंधित कानूनी मुद्दों पर सरकार को सलाह देने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश दिलीप भोसले और सेवानिवृत्त न्यायाधीश शिंदे और मारोती गायकवाड़ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया जाएगा। पिछले महीने मराठा समुदाय के सदस्यों को कुनबी प्रमाण पत्र देने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय करने के लिए न्यायमूर्ति शिंदे की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पैनल का गठन किया गया था, जिन्हें (या जिनके पूर्वजों को) निज़ाम-युग के दस्तावेजों में कुनबी के रूप में संदर्भित किया गया था।
वर्तमान महाराष्ट्र का मराठवाड़ा क्षेत्र 1948 तक हैदराबाद राज्य का हिस्सा था। पिछले सप्ताह पैनल को 24 दिसंबर तक का विस्तार दिया गया था। मुख्यमंत्री शिंदे ने सुबह जारांगे से फोन पर बात की थी और आश्वासन दिया था कि मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र देने पर कैबिनेट बैठक में ठोस निर्णय लिया जाएगा। कार्यकर्ता ने मांग की है कि राज्य भर में मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाए।यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में हिंसक हुआ मराठा आंदोलन, बीड में धारा 144 लागू; NCP विधायक के घर हुई थी आगजनी
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