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MITR: नीति आयोग की तर्ज पर बनेगा महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट फार ट्रांसफार्मेशन

Cabinet Decision महाराष्ट्र नीति आयोग जैसा थिंक टैंक महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट फार ट्रांसफार्मेशन बनने जा रहा है। राज्यमंत्रिमंडल ने इसकी स्थापना की मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक नियामक बोर्ड के अध्यक्ष होंगे। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सह अध्यक्ष होंगे।

By Jagran NewsEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Thu, 20 Oct 2022 09:17 PM (IST)
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नीति आयोग जैसा थिंक टैंक बनाने वाला पहला राज्य है महाराष्ट्र। फाइल फोटो
मुंबई, मिडडे। Cabinet Decision: महाराष्ट्र पहला राज्य बन गया है, जिसके पास नीति आयोग जैसा थिंक टैंक महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट फार ट्रांसफार्मेशन (MITR) बनने जा रहा है। राज्यमंत्रिमंडल ने वीरवार को इसकी स्थापना की मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) एक नियामक बोर्ड के अध्यक्ष होंगे। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सह अध्यक्ष होंगे। उपराष्ट्रपति के पद पर एक विशेषज्ञ होगा। मुख्य कार्यकारी अधिकारी मित्रा के कार्यकारी बोर्ड के प्रमुख होंगे।

नीति आयोग की ये है योजना

केंद्र ने सभी राज्यों को 2047 तक देश को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के विचार के तहत एक नीति आयोग जैसी योजना बनाने वाली संस्था स्थापित करने के लिए कहा था। इसका लक्ष्य 2025-26 तक भारत को पांच ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का है। देश के योजनाकारों का लक्ष्य 2030 तक सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करना है।

सकल घरेलू उत्पाद में महाराष्ट्र का है इतना योगदान

फडणवीस, जो राज्य के वित्त मंत्री भी हैं, ने पिछले महीने नीति आयोग के सीईओ के साथ बैठक की थी। इसके बाद कैबिनेट का प्रस्ताव आया। राज्य ने 2027 तक एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया है। 2047 तक 3.5 ट्रिलियन डालर के पहुंचना है। महाराष्ट्र देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद में 15 प्रतिशत का योगदान देता है।

ये हैं MITR के लक्ष्य

  • राज्य थिंक टैंक सभी हितधारकों-निजी, सार्वजनिक क्षेत्र और गैर-सरकारी संस्थानों, राज्य के विभागों, भारत सरकार, नीति आयोग, नागरिक समाज के समन्वय में काम करेगा।
  • सभी समावेशी विकास में तेजी लाने के लिए यह सरकार को विकास नीति पर सलाह देगा। तकनीकी रूप से बढ़ावा देगा और अपने 2047 के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगा।
  • समवर्ती विषय जैसे कृषि और संबद्ध क्षेत्र, सार्वजनिक स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार, शहरी विकास, आवास और अचल संपत्ति बुनियादी ढांचा, भूमि प्रशासन, वित्त, पर्यटन, खेल, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, वन्यजीव संरक्षण, उद्योग, बुनियादी ढांचा, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार को संभाला जाएगा।
  • ड्रोन टेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट आफ थिंग्स (आईओटी), क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सुरक्षा, रोबोटिक्स, ब्लाक चेन और भौगोलिक सूचना प्रणाली नीतिगत मामलों का हिस्सा होंगे।

75 हजार पदों पर भरेंगे रिक्तियां

विदर्भ, मराठवाड़ा और शेष महाराष्ट्र के सांविधिक विकास बोर्ड मित्रा के क्षेत्रीय सहायक होंगे। 75 हजार पदों पर रिक्तियों को भरा जाना है। मंत्रिपरिषद ने अराजपत्रित श्रेणी (ग्रुप बी, सी और डी) के 75000 रिक्त पदों को भरने के लिए अपने विवादित माध्यमिक भर्ती बोर्ड के बजाय सूचना प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाताओं जैसे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और आईबीपीए की सेवाएं लेने का फैसला किया। पिछले साल एक घोटाले के कारण राज्य बोर्ड द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा को रद करना पड़ा था।

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