ईद के दिन ही महाराष्ट्र के मंदिरों में महाआरती करेगी मनसे, गहराता जा रहा है लाउडस्पीकर विवाद
महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर विवाद गहराता जा रहा है। मनसे नेता बाला नांदगांवकर का कहना है कि उनकी पार्टी ईद के दिन मंदिरों में एक साथ महाआरती करेगी। बता दें कि नासिक पुलिस ने लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा और भजन चलाने के कुछ नियम तय किए हैं।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Wed, 20 Apr 2022 07:36 AM (IST)
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बयान से शुरू हुआ लाउडस्पीकर विवाद महाराष्ट्र में और गहराता दिखाई दे रहा है। राज ठाकरे की पार्टी तीन मई यानी ठीक ईद के दिन ही पूरे महाराष्ट्र के मंदिरों में एक साथ महाआरती करेगी।
मनसे नेता बाला नांदगांवकर ने कहा है कि उनकी पार्टी मौजूदा कानून, या कोई नया दिशानिर्देश हो तो उसके तहत पुलिस से महाआरती आयोजित करने की अनुमति मांगेगी। बता दें कि एक दिन पहले ही नासिक के पुलिस आयुक्त ने मस्जिदों में अजान शुरू होने से 15 मिनट पहले और अजान खत्म होने से 15 मिनट बाद तक मस्जिदों से 150 मीटर की दूरी तक लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा या कोई और भजन गाने पर रोक लगा दी है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने भी लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा गाए जाने पर सख्ती बरतने के संकेत दिए हैं।
राज ठाकरे की गिरफ्तारी की मांग
दूसरी ओर लाउडस्पीकर विवाद पर राजनीति भी गहराती दिख रही है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि मनसे भाजपा के इशारे पर ही मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की बात कर रही है। उनके अनुसार मुंबई में तो आपने तनाव फैला ही दिया है, और भी कई शहरों में तनाव व्याप्त हो रहा है। इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। श्रमिक वर्ग में भय व्याप्त हो रहा है। घरेलू निवेश प्रभावित हो रहा है। जबकि भाजपा महाराष्ट्र एवं देश के दूसरे हिस्सों में सांप्रदायिक दंगों को चुनावी हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। राउत ने दिल्ली के दंगों की ओर इशारा करते हुए कहा कि वहां नगर निगम के चुनाव होने जा रहे हैं। आपको (भाजपा को) पता है कि आप हारने वाले हैं। इसलिए आप वहां तनाव बढ़ाने का काम कर रहे हैं। राकांपा नेता आसिफ शेख ने उनके द्वारा मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग एवं लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा गाने के आह्वान पर गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल को पत्र लिखकर राज ठाकरे की गिरफ्तारी की मांग की है। आसिफ ने कहा है कि कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए। जो भी कानून का उल्लंघन करे, उसे सजा मिलनी चाहिए।
दो धर्मों के बीच दरार
दूसरी ओर भाजपा के साथ केंद्र की सत्ता में शामिल आरपीआई नेता रामदास आठवले भी आज राज ठाकरे के विरुद्ध बोलते दिखाई दिए। उनका कहना है कि भाजपा मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मनसे की मांग का समर्थन नहीं करती। केंद्रीय मंत्री आठवले ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यदि वह (मनसे) चाहें तो खुद लाउडस्पीकर इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन हम उनकी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग का विरोध करते हैं। यहां तक कि शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे भी इस मांग का विरोध ही करते। इससे दो धर्मों के बीच दरार ही पैदा होगी। आठवले ने कहा कि भाजपा ने भी कभी इस तरह की मांग नहीं की। प्रधानमंत्री मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास’ की अवधारणा में यकीन करते हैं। यह तो सिर्फ राज ठाकरे का एजेंडा है।
10 साल पहले की थी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांगविश्व हिंदू परिषद के पूर्व नेता प्रवीण तोगड़िया ने भी आज नागपुर में राज ठाकरे की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं अपने भाजपा के भाइयों से कहना चाहूंगा कि पहले वे उन राज्यों में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की पहल करें, जहां उनका शासन है। आप महाराष्ट्र में तो विरोध कर रहे हैं। लेकिन मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटा रहे हैं। तोगड़िया ने कहा कि हमने 10 साल पहले ही महाराष्ट्र में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग उठाई थी। और अब यही मांग हम उत्तर प्रदेश में भी कर रहे हैं। इस प्रकार की राजनीतिक बयानबाजियों के बीच महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने एक बार फिर महाराष्ट्र की पुलिस राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैयार है। राज्य के पुलिस महानिदेशक जल्दी ही सभी पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर इस मुद्दे पर उचित निर्णय करेंगे। पाटिल ने राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं।
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