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ये 'लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट' पढ़कर आप भी चौंक जाएंगे, दुष्कर्म मामले में फंसे शख्स ने पेश किया दस्तावेज; मिल गई जमानत

Mumbai live in relationship agreement मुंबई में बलात्कार के मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत पाने के लिए एक शख्स ने जो दलील दी वो सभी को हैरान कर देगी। शख्स की साथी ने उसके ऊपर बलात्कार का मामला दर्ज किया तो उसने कोर्ट से कहा कि ये आरोप उसपर लग ही नहीं सकता क्योंकि उसने एग्रीमेंट कर रखा है।

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Wed, 04 Sep 2024 09:54 AM (IST)
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Mumbai live in relationship agreement मुंबई में अलग तरह का केस आया सामने।
डिजिटल डेस्क, मुंबई। Mumbai live in relationship agreement मुंबई में अपनी साथी द्वारा दर्ज बलात्कार के मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत पाने के लिए एक शख्स ने जो दलील दी वो सभी को हैरान कर देगी। दरअसल, शख्स की साथी ने उसके ऊपर बलात्कार का मामला दर्ज किया तो उसने कोर्ट से कहा कि ये आरोप उसपर लग ही नहीं सकता क्योंकि उसने एग्रीमेंट कर रखा है।

लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट दिखाकर मिली जमानत

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, 46 वर्षीय इस शख्स ने कोर्ट में 'लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट' पेश किया, जिसके बारे में उसका दावा है कि इसमें कहा गया है कि वे एक-दूसरे के खिलाफ यौन उत्पीड़न का कोई मामला दर्ज नहीं करेंगे। अदालत ने 29 अगस्त को बलात्कार के मामले में उसे जमानत दे दी। 

महिला बोली- हस्ताक्षर मेरे नहीं

  • हालांकि, शख्स के खिलाफ केस करने वाली 29 वर्षीय महिला ने मुंबई की एक अदालत को बताया कि दस्तावेज पर हस्ताक्षर उसके नहीं थे, लेकिन इसके बावजूद शख्स को जमानत मिल गई।
  • पुलिस ने कहा कि महिला बुजुर्गों की देखभाल करने का काम करती है, जबकि आरोपी एक सरकारी कर्मचारी है।

समझौते में लिखी गई थी 7 बातें

दोनों के बीच 7 सूत्री समझौता किया गया था। उसमें ये बातें लिखी गई थीं....

  1. दोनों में तय था कि वे 1 अगस्त 2024 से 30 जून 2025 तक साथ रहेंगे।
  2. इस अवधि के दौरान वे एक-दूसरे के खिलाफ यौन उत्पीड़न का कोई मामला दर्ज नहीं करेंगे और शांतिपूर्वक एक साथ अपना समय बिताएंगे।
  3. महिला पुरुष के साथ उसके घर पर रहेगी और अगर उसे उसका व्यवहार अनुचित लगता है, तो वे एक महीने का नोटिस देकर कभी भी अलग हो सकते हैं।
  4. महिला के रिश्तेदार उसके साथ रहने के दौरान उसके घर नहीं आ सकते।
  5. महिला को पुरुष को कोई उत्पीड़न या मानसिक पीड़ा नहीं देनी होगी।
  6. अगर महिला इस अवधि के दौरान गर्भवती हो जाती है, तो पुरुष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। 
  7. अगर उत्पीड़न से पुरुष को मानसिक आघात पहुंचता है, जिससे उसका जीवन बर्बाद हो जाता है, तो महिला को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

महिला ने लगाया ये आरोप

महिला ने आरोप लगाया है कि उसके साथी ने उससे शादी करने का वादा किया था और जब वे साथ रह रहे थे, तब उसने कई बार उसका बलात्कार किया। आरोपी की ओर से पेश हुए वकील ने इसे धोखाधड़ी का मामला बताया है।

वकील की ये दलील

वकील ने कहा कि आवेदक को मामले में झूठा फंसाया गया है। वह परिस्थितियों का शिकार है। वे लिव-इन रिलेशनशिप में थे। समझौते से पता चलता है कि वे दोनों रिलेशनशिप में रहने के लिए सहमत थे।  

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