नाबालिग लड़की को 'I Love You' कहना पड़ा भारी, युवक को 2 साल की कैद; जज ने बताया क्यों दी सजा
Mumbai man imprisonment मुंबई के एक युवक को नाबालिग लड़की का हाथ पकड़कर आई लव यू कहना भारी पड़ गया है। एक विशेष पॉक्सो अदालत ने ऐसा करने वाले 19 वर्षीय युवक को दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। जज ने सजा सुनाते हुए कहा कि आरोपी द्वारा कहे गए शब्दों ने 14 वर्षीय पीड़िता की गरिमा को ठेस पहुंचाया है।
पीटीआई, मुंबई। Mumbai man imprisonment मुंबई के एक युवक को नाबालिग लड़की का हाथ पकड़कर 'आई लव यू' कहना भारी पड़ गया है। एक विशेष पॉक्सो अदालत ने ऐसा करने वाले 19 वर्षीय युवक को दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
छेड़छाड़ का ठहराया दोषी
यौन अपराधों से बच्चों का विशेष संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) अदालत के न्यायाधीश अश्विनी लोखंडे ने सजा सुनाते हुए कहा कि आरोपी द्वारा कहे गए शब्दों ने 14 वर्षीय पीड़िता की गरिमा को ठेस पहुंचाया है। अदालत ने 30 जुलाई को पारित अपने आदेश में आरोपी को आईपीसी के तहत छेड़छाड़ का दोषी ठहराया है।
2019 में लड़की की मां ने की थी शिकायत
- हालांकि, अदालत ने आरोपी को सख्त पॉक्सो अधिनियम के तहत आरोपों से बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, नाबालिग लड़की की मां ने सितंबर 2019 में साकीनाका पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उसकी बेटी चाय का चूरा खरीदने के लिए पास की एक दुकान पर गई थी, लेकिन रोते हुए घर लौटी।
- शिकायत के अनुसार, पूछताछ करने पर लड़की ने अपनी मां को बताया कि एक व्यक्ति ने उसका पीछा किया, उसका हाथ पकड़ा और कहा 'मैं तुमसे प्यार करता हूं'। हालांकि, युवक ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों में खुद को निर्दोष बताया।
- मुकदमे के दौरान, अभियोजन पक्ष ने आरोपी के अपराध को साबित करने के लिए पीड़िता और उसकी मां सहित चार गवाहों की जांच की।
आरोपी ने खुद को बताया निर्दोष
आरोपी ने खुद को निर्दोष बताया और खुद का बचाव करते हुए दावा किया कि उसका पीड़िता के साथ संबंध था और उसने खुद उसे घटना के दिन मिलने के लिए बुलाया था।कोर्ट ने क्या कहा?
हालांकि, अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अगर पीड़िता का आरोपी के साथ संबंध होता, तो वह डर के मारे अपनी मां को घटना के बारे में नहीं बताती। इसके अलावा, जब लड़की की मां घटना के बाद आरोपी के पास गई, तो उसने उसे धमकाया और कहा कि "वह जो चाहे करे"।अदालत ने कहा कि उनके साक्ष्य को खारिज करने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी ठोस नहीं आया है। पीड़िता और उसकी मां के साक्ष्य एक दूसरे से मेल खाते हैं।
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