IIT Bombay के बाहर विरोध प्रदर्शन, फलस्तीनी समर्थक प्रोफेसर और गेस्ट स्पीकर को गिरफ्तार करने की मांग
इजयराल के खिलाफ फलस्तीनी स्वतंत्रता संग्राम के बारे में बात करते समय कथित तौर पर आतंकवाद का महिमामंडन करने के लिए एक प्रोफेसर और एक अतिथि वक्ता की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे के बाहर शनिवार को छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी छात्रों के मुताबिक प्रोफेसर शर्मिष्ठा साहा और अतिथि वक्ता सुधन्वा देशपांडे ने 6 नवंबर को आतंकवादी की गुणगान किया है।
पीटीआई, मुंबई। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (IIT Bombay) के छात्रों ने शनिवार को संस्थान के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। दरअसल, यह सभी छात्र एक लेक्चर में गेस्ट और प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि इन लोगों ने लेक्चर के दौरान फलस्तीनी समर्थन में बातें की और कथित तौर पर आतंकवाद का महिमामंडन किया है।
आतंकवाद और सशस्त्र विद्रोह का किया समर्थन
प्रदर्शनकारी छात्रों के मुताबिक, प्रतिष्ठित संस्थान के मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग की प्रोफेसर शर्मिष्ठा साहा और अतिथि वक्ता सुधन्वा देशपांडे ने 6 नवंबर को शैक्षणिक पाठ्यक्रम 'HS 835 परफॉर्मेंस थ्योरी एंड प्रैक्सिस' के तहत कथित तौर पर आतंकवादियों और सशस्त्र विद्रोह के बारे में बातें की।
फलस्तीनी आतंकवादी का किया महिमामंडन
विवेक विचार मंच के तत्वाधान में प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि देशपांडे ने फलस्तीनी आतंकवादी जकारिया जुबैदी का भी गुणगान किय था, जो कथित तौर पर अल-अक्सा शहीद ब्रिगेड का हिस्सा है, जिसे कई देशों द्वारा आतंकवादी संगठन नामित किया गया है और 2015 में उससे मिलने की बात भी स्वीकार की थी।
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फोन कॉल और ईमेल के जांच की मांग
छात्रों ने 6 नवंबर की बातचीत के पीछे के मकसद का पता लगाने के लिए साहा और देशपांडे के फोन कॉल और ईमेल की जांच की भी मांग की है। साथ ही कहा कि प्रोफेसर को आईआईटी बॉम्बे से हटाया जाना चाहिए। एक छात्र ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि इस लेक्चर के दौरान आईआईटी बॉम्बे के छात्रों को घृणित और झूठी कहानियों के माध्यम से प्रेरित करने की कोशिश की जा रही थी।
संस्थान की अखंडता के लिए खतरा
7 नवंबर को पुलिस को सौंपे गए पत्र में, कुछ छात्रों ने दावा किया कि साहा ने देशपांडे जैसे वक्ताओं को आमंत्रित करने के लिए अपने पद का अनुचित उपयोग किया था। पुलिस को सौंपे गए शिकायत पत्र में दावा किया गया है कि इस तरह की घटनाओं से आईआईटी बॉम्बे की शैक्षणिक अखंडता और सुरक्षा पर खतरा है, क्योंकि वे आतंकवाद से जुड़ी विचारधाराओं को बढ़ावा देते हैं।
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