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Mumbai Crime: मुंबई पुलिस ने बरामद की लापता बच्चे की खोपड़ी, 35 दिन बाद मिला था शव

संदीप यादव दंपती की इकलौती संतान था। उसका जन्म उनकी शादी के 14 साल बाद हुआ था। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस को सोमवार को सूचना मिली कि वडाला क्रीक इलाके में एक सिर विहीन शव पड़ा हुआ है। मृतक बच्चे की पहचान उसके पिता ने उसके कपड़ों और जूतों से की। मंगलवार को तलाशी के दौरान पुलिस को उस जगह से 15-20 फीट की दूर पर खोपड़ी मिली।

By Agency Edited By: Mohd Faisal Updated: Wed, 06 Mar 2024 06:00 AM (IST)
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Mumbai Crime: मुंबई पुलिस ने बरामद की लापता बच्चे की खोपड़ी, 35 दिन बाद मिला था शव (फाइल फोटो)
पीटीआई, मुंबई। मुंबई पुलिस ने मंगलवार को उस 12 वर्षीय लड़के की खोपड़ी बरामद की है, जिसका शव उसके लापता होने के लगभग 35 दिन बाद वडाला इलाके में मिला था। बच्चे की पहचान संदीप यादव के रूप में हुई है।

वह वडाला में ही रहने वाले बिपुल सीकरी नामक व्यक्ति के साथ बाहर जाने के बाद से लापता हो गया था। एक दिन पहले उसका सिर कटा शव मिला था।

बच्चे को एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को सौंपा गया था

पुलिस ने कहा है कि जब संदीप के पिता बेचई यादव और अन्य लोगों ने सीकरी से बात की तो उसने उन्हें बताया कि बच्चे को एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को सौंप दिया था। एक अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के क्रम में सिकरी वडाला ट्रक टर्मिनस पुलिस स्टेशन से चकमा देकर भागने में सफल हो गया।

दंपती की इकलौती संतान था संदीप यादव

संदीप यादव दंपती की इकलौती संतान था। उसका जन्म उनकी शादी के 14 साल बाद हुआ था। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस को सोमवार को सूचना मिली कि वडाला क्रीक इलाके में एक सिर विहीन शव पड़ा हुआ है। मृतक बच्चे की पहचान उसके पिता ने उसके कपड़ों और जूतों से की। मंगलवार को तलाशी के दौरान पुलिस को उस जगह से 15-20 फीट की दूर पर खोपड़ी मिली। पुलिस ने हत्या सहित कई अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर सीकरी की गिरफ्तारी का प्रयास तेज कर दिया है।

पैरोल पर छूटकर मुंबई आया था

अधिकारी के अनुसार, सीकरी बंगाल का रहने वाला है। उसे हत्या के एक मामले में पहले ही गिरफ्तार किया गया था। वह उस मामले में पैरोल पर छूटकर मुंबई आया था। मिड डे के अनुसार, पुलिसकर्मी (पीएसआई) वारंग घूसे के खिलाफ जांच शुरू की गई है। इसी की लापरवाही के चलते आरोपित भागने में सफल हो गया।

आरोपी का पता लगाने के लिए बनाई गई अलग-अलग टीमें

आरोपित का पता लगाने के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। उसका पता लगाने के लिए टीमें बंगाल, उत्तर प्रदेश और कश्मीर पहुंची हैं। लेकिन अभी तक उसका पता नहीं चल सका। टीम बंगाल में उसके मूल निवास स्थान पर भी पहुंची, लेकिन उसका पता नहीं लग सका है।

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