एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी में रहने वाली नद्रत की जिद जुनून और उत्साह ने पायलट बनने का उनका रास्ता साफ कर दिया। नद्रत ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया और एंट्रेंस एग्जाम भी दिया। उन्होंने कहा कि एंट्रेंस एग्जाम में मेरे बहुत बढ़िया नंबर आए। मेरिट लिस्ट में भी मेरा नाम आया था...
एएनआई, मुंबई। कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों... इस कहावत को एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती 'धारावी' में रहने वाली नद्रत ने चरितार्थ कर दिया... नद्रत की जिद, जुनून और उत्साह ने पायलट बनने का रास्ता साफ कर दिया। साथ ही उन्होंने यह भी सिद्ध कर दिया कि लड़कियां कुछ भी कर सकती हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में नद्रत ने बताया कि उन्हें बचपन से ही एयरोप्लेन से लगाव था। मेरी मां चाहती थी कि मैं एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करूं, लेकिन मुझे बचपन से ही एहसास था कि मैं पायलट बनना चाहती हूं और मुझे आकाश को एक्सप्लोर करना है, लेकिन मम्मी ने कहा था कि हमारी हैसियत नहीं है, बड़ी मुश्किल से घर चला रही हूं, तुझे पढ़ा रही हूं। इस पर मैंने कहा कि मम्मी सबकुछ मुमकिन है, अगर रब ने चाहा तो यह क्यों नहीं हो सकता है।
संघर्ष की दास्तां...
नद्रत ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया और एंट्रेंस एग्जाम भी दिया। उन्होंने कहा,
एंट्रेंस एग्जाम में मेरे बहुत बढ़िया नंबर आए। मेरिट लिस्ट में भी मेरा नाम आया था। सबकुछ बढ़िया हो रहा था, लेकिन आर्थिक स्थिति की वजह से सबकुछ पीछे छूटता जा रहा था।
नद्रत ने आगे बताया कि जोया अग्रवाल को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 'भारत की बेटी' पुरस्कार मिला, मुझे लगा कि वह ही मेरा सपना पूरा करने में मेरी मदद कर सकती हैं।
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बता दें कि नद्रत की आइडल जोया अग्रवाल हैं, जो 'भारत की बेटी' नाम से मशहूर हैं और उनसे मिलने की चाहत में नद्रत ने 'एयर इंडिया' के पांच दिन तक चक्कर भी काटे। इसके बावजूद नद्रत का हौसला कम नहीं हुआ और अपने दिमाग में जोया अग्रवाल से मिलने का पूरा मन बना लिया था और धारावी की बेटी को लगता था कि 'भारत की बेटी' उनकी मदद कर सकती है और हुआ भी कुछ ऐसा ही।
नद्रत और जोया की मुलाकात
बकौल एजेंसी, धारावी की बेटी ने अपने संघर्ष और 'भारत की बेटी' के साथ मुलाकात और उनसे मिली मदद की कहानी सुनाई। नद्रत ने बताया कि उन्होंने जोया अग्रवाल को पहले इंस्टाग्राम पर मैसेज किया था और फिर बाद में ईमेल किया था और उन्हें ईमेल का जवाब भी मिला था। ईमेल के बाद उन्होंने फोन भी किया था और मिलने की बात कही थी। आज जोया मैम के साथ मिलकर मेरा सपना पूरा हो गया।
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जोया अग्रवाल ने क्या कुछ कहा?
नद्रत के सपने को पूरा करने में मदद करने वाली एयर इंडिया की पायलट कैप्टन जोया अग्रवाल ने बताया कि यह तो महज एक शुरुआत है...मैं हर उस लड़की के एक सपने को हकीकत में बदलना चाहती हूं जिसके अंदर आग है... विमानन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, यह अगले 14-15 सालों में दोगुना हो जाएगा। हमें अपनी लड़कियों की जरूरत है... हम लड़कियों को सिर्फ इसलिए हतोत्साहित नहीं होने दे सकते हैं, क्योंकि उनके पास संसाधनों की कमी है...
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