Nagpur Hospital Death: नांदेड़ के बाद अब नागपुर के सरकारी अस्पताल की खुली पोल, 24 घंटे में 14 मरीजों की मौत
नागपुर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) में बुधवार सुबह 8 बजे 24 घंटों में 14 मरीजों की मौत हो गई है। जीएमसीएच के डीन डॉ. राज गजभिए ने कहा कि अस्पताल की क्षमता 1900 बिस्तरों की है और वहां रोजाना औसतन 10 से 12 मरीजों की मौत की खबर आती है। उन्होंने कहा पूरे मध्य भारत से मरीज इस अस्पताल में भर्ती होते हैं।
पीटीआई, नागपुर। नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में 48 घंटे में हुई 31 मरीजों की मौत के बाद अब नागपुर के एक सरकारी अस्पताल से बड़ी खबर सामने आई है। यहां 24 घंटे में 14 मरीजों की मौत हो गई है। वहीं, एक अन्य सरकारी चिकित्सा सुविधा में इसी अवधि के दौरान 9 मौतें दर्ज की गई हैं।
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) नागपुर में बुधवार सुबह 8 बजे 24 घंटों में 14 मरीजों की मौत हुई है। अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी PTI को बताया की मृतक मरीजों में ज्यादातर वे मरीज शामिल हैं जिन्हें गंभीर हालत में वहां लाया गया था। इनमें वे मरीज शामिल हैं जिन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट की आवश्यकता थी।
महाराष्ट्र के अस्पतालों में नहीं रुक रहा मौतों का आंकड़ा
ये आंकड़े इन अस्पतालों के अधिकारियों द्वारा 30 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच नांदेड़ के डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 48 घंटों में 31 मरीजों की मौत के बाद साझा किए गए। बता दें कि छत्रपति संभाजीनगर के एक सरकारी अस्पताल में भी 24 घंटे की अवधि में 18 मौतें हुई है।
1,900 बिस्तर, हर दिन हो रही 10 से 12 मौत
जीएमसीएच के डीन डॉ. राज गजभिए ने कहा कि अस्पताल की क्षमता 1,900 बिस्तरों की है और वहां रोजाना औसतन 10 से 12 मरीजों की मौत की खबर आती है। उन्होंने कहा, 'अस्पताल में मरने वाले मरीजों में ज्यादातर वे होते हैं जो अंतिम समय में रेफर किए गए होते हैं और उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में रखने की आवश्यकता होती है। ऐसे मरीजों को गंभीर स्थिति में जीएमसीएच लाया जाता है।
दवा और सुविधाओं की नहीं कोई कमी..
अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की पूरे मध्य भारत से मरीज अस्पताल में भर्ती होते हैं। इसी तरह, शहर के इंदिरा गांधी सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (IGGMCH) ने 24 घंटे में नौ मौतों की सूचना दी। अधिकारी ने कहा, आईजीजीएमसीएच की क्षमता 800 बिस्तरों की है और यह रोजाना औसतन छह मरीजों की मौत होती है। अधिकारी ने दावा किया की अस्पताल में दवाओं और अन्य सुविधाओं का पर्याप्त भंडार है।