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Maharashtra Election: MVA की ओर झुकाव रखने वाले मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे, विपक्षी नेताओं ने किया दावा

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने है। जिसे लेकर सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। इस बीच विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस शिवसेना और राकांपा नेताओं ने दावा किया कि चुनाव आयोग के कामकाज में कोई पारदर्शिता नहीं है और इसके अधिकारी सत्तारूढ़ दलों के दबाव में काम कर रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Fri, 18 Oct 2024 03:33 PM (IST)
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कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा नेताओं ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल (फाइल फोटो)

पीटीआई, मुंबई। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि आगामी महाराष्ट्र चुनावों के लिए विपक्षी दलों की ओर झुकाव रखने वाले मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं।

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा नेताओं ने दावा किया कि चुनाव आयोग के कामकाज में कोई पारदर्शिता नहीं है और इसके अधिकारी सत्तारूढ़ दलों के दबाव में काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि एमवीए इस मुद्दे को चुनाव आयोग के समक्ष उठाएगा।

राज्य में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होंगे और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।

पुलिस महानिदेशक को हटाने की मांग

नेताओं, विशेषकर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला को हटाने की मांग की।

पटोले ने आरोप लगाया कि विभिन्न कारणों से मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए बनाए गए चुनाव आयोग के फॉर्म संख्या 7 का इस्तेमाल विपक्षी दलों की ओर झुकाव रखने वाले मतदाताओं के नाम हटाने के लिए किया जा रहा है और इस कवायद के पीछे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं।

पटोले ने कहा, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) की ओर झुकाव रखने वाले मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि भाजपा चुनाव हार रही है।

विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि चुनाव आयोग को फॉर्म नंबर 7 स्वीकार नहीं करना चाहिए।

हटाए जा रहे मतदाताओं के नाम- कांग्रेस नेता

कांग्रेस नेता ने कहा, हमने देखा है कि जिन सीटों पर एमवीए को लोकसभा चुनावों में बढ़त मिली थी, वहां 2,500 से 10,000 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं।

शिवसेना (यूबीटी) नेता और विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने दावा किया कि नासिक सेंट्रल विधानसभा सीट में 6,000 मतदाताओं के नाम सूची से गायब हैं और कलेक्टर के समक्ष मुद्दा उठाने के बावजूद इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया।

उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ दलों द्वारा प्रतिनिधित्व वाली औरंगाबाद सेंट्रल और सिल्लोड सीटों पर लगभग 27,000 मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़ा गया है।

ECI मतदाता सूची पर जारी करे श्वेत पत्र

एनसीपी (एसपी) नेता जितेंद्र आव्हाड ने मांग की है कि ECI मतदाता सूची पर एक श्वेत पत्र प्रकाशित करे।

उन्होंने कहा कि मतदाता सूची की छपाई इतनी खराब है कि उसे पढ़ा नहीं जा सकता और दावा किया कि नाम, पते और फोटो भी गलत हैं।

जितेंद्र आव्हाड ने कहा, जिस तरह से चुनाव कराया जा रहा है वह संदिग्ध है। यह शर्मनाक है।

पटोले ने आगे मांग की कि आयोग सरकार के कल्याणकारी कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए नियुक्त 50,000 "योजना दूतों" की नियुक्ति रद्द करे, जिन्हें 50,000 रुपये का भुगतान किया जा रहा है।

शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल देसाई ने कहा कि राजनीतिक दलों के बूथ स्तर के अधिकारियों को चुनाव अधिकारियों के साथ 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के घर जाना चाहिए ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।

उन्होंने बताया कि औसतन मुंबई के उपनगरीय क्षेत्र में ऐसे 4,500 मतदाता हैं और शहर में 6,400 मतदाता हैं।

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