जनवरी में उड़ानों की देरी से लगभग पांच लाख यात्री प्रभावित, एयरलाइनों ने यात्रियों की सुविधाओं पर किए इतने करोड़ खर्च
गत जनवरी में उड़ानों में देरी (दो घंटे से अधिक) होने के कारण तकरीबन 4.82 लाख यात्री प्रभावित हुए और एयरलाइंसों को यात्रियों की सुविधाओं के लिए 3.69 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मासिक यातायात आंकड़े जारी कर गुरुवार को यह जानकारी दी। डीजीसीए ने बताया कि देरी के अलावा गत माह विभिन्न एयरलाइंसों द्वारा 1374 यात्रियों को विमान में सवार होने से रोक दिया।
पीटीआई, मुंबई। गत जनवरी में उड़ानों में देरी (दो घंटे से अधिक) होने के कारण तकरीबन 4.82 लाख यात्री प्रभावित हुए और एयरलाइंसों को यात्रियों की सुविधाओं के लिए 3.69 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मासिक यातायात आंकड़े जारी कर गुरुवार को यह जानकारी दी।
डीजीसीए ने बताया कि देरी के अलावा गत माह विभिन्न एयरलाइंसों द्वारा 1374 यात्रियों को विमान में सवार होने से रोक दिया। इस कारण वैकल्पिक उड़ानों, आवास, जलपान और खाने के अलावा 1.28 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में खर्च हुए।
उड़ानें रद्द होने के कारण 68,362 यात्रियों को रिफंड
इसके अलावा गत जनवरी में उड़ानें रद्द होने के कारण 68,362 यात्रियों को रिफंड और री-बुकिंग की पेशकश करने के साथ एयरलाइंसों ने 1.43 करोड़ रुपये हर्जाने के तौर पर दिए। घरेलू यात्री यातायात के मामले में गत माह इंडिगो ने 79.09 लाख यात्रियों के साथ 60.2 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल की।जनवरी में घरेलू यात्री यातायात बढ़ा
इसके बाद 15.97 लाख यात्रियों के साथ एअर इंडिया की 12.2 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। डीजीसीए ने यह भी बताया कि इस वर्ष जनवरी में घरेलू यात्री यातायात गत वर्ष जनवरी की तुलना में 4.69 प्रतिशत बढ़कर 1.31 करोड़ हो गया। जनवरी 2023 में घरेलू यात्री यातायत 1.25 करोड़ दर्ज किया गया था।ये भी पढ़ें: Maratha Reservation: मराठा आरक्षण को लेकर दबाव बनाने के लिए जरांगे मुंबई जाएंगे, बढ़ेगा शिंदे सरकार पर दबाव
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