नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर में 'परंपरा–ए गुरु पूर्णिमा स्पेशल' का आयोजन
नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर (NMACC) ने शनिवार को परंपरा-ए गुरु पूर्णिमा स्पेशल का आयोजन किया। इस दौरान नीता अंबानी ने गुरु पूर्णिमा की बधाई दी और गुरु-शिष्य बंधन के बारे में विस्तार से बात की। नीता अंबानी ने बताया कि एक गुरु हमारा शिक्षक संरक्षक मार्गदर्शक और हमारा सारथी होता है। इस दौरान उन्होंने कृष्ण से लेकर विवेकानंद तक का जिक्र किया।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 02 Jul 2023 12:39 AM (IST)
मुंबई, ऑनलाइन डेस्क। नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर (NMACC) ने शनिवार को 'परंपरा-ए गुरु पूर्णिमा स्पेशल' का आयोजन किया। इस दौरान नीता अंबानी ने गुरु पूर्णिमा की बधाई दी और गुरु-शिष्य बंधन के बारे में विस्तार से बात की।
उन्होंने कहा कि गुरु नाम आते ही एक गहरी पवित्रता का अहसास होता है। यदि गुरु शब्द का अर्थ देखें तो 'गु' का अर्थ होता है अंधकार और 'रु' का अर्थ उजाला होता है। यानी गुरु शिष्यों के जीवन में अंधकार को दूर करते हैं और उनके जीवन को उजाले से भर देते हैं।
नीता अंबानी ने बताया कि एक गुरु हमारा शिक्षक, संरक्षक, मार्गदर्शक और हमारा सारथी होता है। कृष्ण से लेकर द्रोणाचार्य तक, मैत्रेयी से लेकर चाणक्य तक, सवित्रिबाई फुले से लेकर स्वामी विवेकानंद तक। प्राचीन काल से ही भारत में प्रेरक गुरुओं की परंपरा रही है। उन्होंने न केवल अपने शिष्यों के जीवन को बदल दिया है, बल्कि पीढ़ियों के लिए एक विरासत बनाई है।
उन्होंने कहा कि मेरी अपनी जीवन यात्रा में मुझे ऐसे गुरुओं को पाकर सौभाग्य मिला है जिन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया और मुझे उस व्यक्ति के रूप में आकार दिया जो मैं आज हूं। मेरी मां का नाम पूर्णिमा है। उन्होंने माता-पिता को सम्मान देने की बात कही और कहा कि माता-पिता ही हमारा मार्गदर्शन करते हैं और अपनी बुद्धिमत्ता और निस्वार्थ प्यार के दम पर हमें जीवन का सीख देते हैं।
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