'मैं अभी भी एक मंत्री हूं, पार्टी ने मुझे दरकिनार....', मराठा आरक्षण पर बयान देकर सुर्खियों में आने वाले छगन भुजबल ने ये क्या कह दिया?
उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण आंदोलन से निपटने के राज्य सरकार के तरीके की आलोचना के लिए भाजपा के सहयोगी अजित पवार नीत राकांपा समूह ने उन्हें दरकिनार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे दरकिनार नहीं किया है। मैं अभी भी एक मंत्री हूं और अभी तक पार्टी में किसी ने भी मेरे खिलाफ नहीं बोला है।
पीटीआई, मुंबई। मराठा आरक्षण की मांग से निपटने को लेकर पार्टी नेता और मंत्री छगन भुजबल ने हाल ही में महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की थी, जिसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) ने उन्हें पार्टी से दरकिनार कर दिया है। हालांकि, लंबे समय से लगाए जा रहे कयासों पर खुद छगन भुजबल ने अब पूर्ण विराम लगा दिया है।
पार्टी ने नहीं किया दरकिनारः छगन भुजबल
उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण आंदोलन से निपटने के राज्य सरकार के तरीके की आलोचना के लिए उन्हें भाजपा के सहयोगी अजित पवार नीत राकांपा समूह में दरकिनार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे दरकिनार नहीं किया है। मैं अभी भी एक मंत्री हूं और अभी तक पार्टी में किसी ने भी मेरे खिलाफ नहीं बोला है। छगन भुजबल ने आगे कहा कि राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने यह भी कहा कि मुझे ओबीसी के लिए बोलने का पूरा अधिकार है, जो मैं हमेशा से करता रहा हूं।
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महाराष्ट्र कैबिनेट से बाहर निकाले जाने की मांग पर क्या बोले?
एक अन्य सत्तारूढ़ सहयोगी शिवसेना के विधायक संजय गायकड द्वारा लगातार महाराष्ट्र कैबिनेट से बाहर निकाले जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि हर किसी को उनके इस्तीफे की मांग करने का अधिकार है। उन्होंने आगे कहा कि कैबिनेट में किसको रखना है और किसको बाहर करना है यह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का विशेषाधिकार है और मुझे नहीं लगता कि वह मुझे बाहर निकालेंगे क्योंकि मैं शिव सेना में उनके गुरु आनंद दिघे का नेता हुआ करता था।
भाजपा ने नहीं दिया कोई प्रस्ताव
उन्होंने कहा कि मैं कई वर्षों से ओबीसी के अधिकारों के लिए लगातार काम कर रहा हूं। हालांकि, इसके बदले में मैंने न कभी कुछ मांगा और न ही मुझे कुछ चाहिए। भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे भाजपा में शामिल होने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है।
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