Ajit Pawar In BJP: कभी भतीजे अजित की तरह पवार ने भी दिया था वसंतदादा को धोखा, बगावत कर बने थे सीएम
Ajit Pawar In BJP शरद पवार लगभग 45 साल पहले कांग्रेस से बगावत करते हुए 40 विधायकों को लेकर अलग हो गए थे। इसके चलते वसंतदादा पाटिल की सरकार गिर गई थी। पवार ने 18 जुलाई 1978 को प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी जिसमें कई विपक्षी दल शामिल थे। उसी दिन बाद में वसंतदादा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Mon, 03 Jul 2023 07:48 AM (IST)
मुंबई, पीटीआई। राकांपा प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार समेत कुछ नेता रविवार को महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए। अजित पवार को शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। अजित पवार के इस कदम ने 1978 में हुए उस राजनीतिक घटनाक्रम की यादें ताजा कर दी, जब शरद पवार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल की सरकार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था।
1978 में 40 विधायकों के साथ बगावत कर सीएम बने थे पवार
शरद पवार लगभग 45 साल पहले कांग्रेस से बगावत करते हुए 40 विधायकों को लेकर अलग हो गए थे। इसके चलते वसंतदादा पाटिल की सरकार गिर गई थी। पवार ने 18 जुलाई, 1978 को प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जिसमें कई विपक्षी दल शामिल थे।
वसंतदादा ने मुख्यमंत्री पद से दिया था इस्तीफा
वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश जोशी ने बताया कि 1978 में विधानमंडल सत्र चल रहा था। तत्कालीन गृह मंत्री नासिक राव तिरपुडे ने मुख्यमंत्री पाटिल को उद्योग मंत्री पवार से उनकी सरकार को खतरे के बारे में चेतावनी दी थी। वसंतदादा ने (तिरपुडे को) जवाब दिया कि शरद अभी मुझसे मिले थे। उसी दिन बाद में वसंतदादा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।दोनों घटनाओं की समानता यहीं पर खत्म नहीं होती। शरद पवार जिस तरह कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं गो¨वदराव आदिक और सुशील कुमार शिंदे को अपने साथ लेकर गए थे, उसी तरह अजित पवार भी दिलीप वलसे पाटिल और छगन भुजबल को साथ लेकर गए हैं। दिलीप वलसे पाटिल और भुजबल को पवार का वफादार माना जाता रहा है।
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