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Nashik: प्याज व्यापारी निर्यात शुल्क को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, सरकार ने दिए सख्त कार्रवाई के आदेश

महाराष्ट्र के नासिक जिले में सभी कृषि उपज बाजार समितियों में नीलामी को निलंबित कर दिया गया है और उनका विरोध अनिश्चित काल तक जारी रहेगा जिससे खुदरा बाजारों में रसोई के खाद्य पदार्थों की कमी और कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका बढ़ गई है। एक पदाधिकारी ने कहा कि वे प्याज पर निर्यात शुल्क 40 प्रतिशत तक बढ़ाने के केंद्र सरकार के हालिया कदम का विरोध कर रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Thu, 21 Sep 2023 10:43 AM (IST)
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प्याज व्यापारी निर्यात शुल्क को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

नासिक (महाराष्ट्र), एजेंसी। महाराष्ट्र के नासिक जिले में सभी कृषि उपज बाजार समितियों में नीलामी को निलंबित कर दिया गया है और उनका विरोध अनिश्चित काल तक जारी रहेगा, जिससे खुदरा बाजारों में रसोई के खाद्य पदार्थों की कमी और कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका बढ़ गई है। इसकी जानकारी प्याज व्यापारियों ने दी।

न्यूज एजेंसी PTI से मिली जानकारी के अनुसार, नासिक जिला प्याज व्यापारी संघ (NDOTA) के एक पदाधिकारी ने बुधवार को कहा कि वे प्याज पर निर्यात शुल्क 40 प्रतिशत तक बढ़ाने के केंद्र सरकार के हालिया कदम का विरोध कर रहे हैं, जो 31 दिसंबर तक लागू रहेगा।

अनिश्चित काल तक प्याज की नीलामी बंद

मामले का संज्ञान लेते हुए, जिला उप-रजिस्ट्रार, सहकारी समितियों ने बुधवार रात एक आदेश जारी कर सभी एपीएमसी को हड़ताली व्यापारियों के लाइसेंस निलंबित या रद्द करने और 21 सितंबर को की गई कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया।

पदाधिकारी ने कहा, निर्यात शुल्क बढ़ोतरी के फैसले के विरोध में, हमने जिले के सभी APMC में प्याज की नीलामी अनिश्चित काल के लिए बंद करने का फैसला किया है।

केंद्र के इस (निर्यात शुल्क वृद्धि) फैसले से न केवल प्याज का निर्यात मुश्किल हो जाएगा बल्कि इसका असर पारगमन (transit) में प्याज पर भी पड़ेगा, जिससे किसानों को भारी नुकसान होगा।

इससे पहले बुधवार को, महाराष्ट्र के विपणन मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि बंद (प्याज की नीलामी बंद करना) सही नहीं था।

उन्होंने एक कार्यक्रम के मौके पर कहा, सहयोग और विपणन विभागों के सचिव नियमों के अनुसार की जाने वाली कार्रवाई पर चर्चा करेंगे और नासिक जिला कलेक्टर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

विशेष रूप से, 20 अगस्त को भारत के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार लासलगांव सहित नासिक जिले के अधिकांश एपीएमसी में प्याज की नीलामी बंद रही।

19 सितंबर तक दिया था सरकार को समय

पदाधिकारी ने कहा, हमने अपनी मांगों का समाधान निकालने के लिए सरकार को 19 सितंबर तक का समय दिया था। लेकिन अभी तक हमारी मांगें नहीं मानी जाने पर हमने प्याज की नीलामी अनिश्चित काल के लिए बंद करने का फैसला किया है।

व्यापारियों द्वारा उठाई गई अन्य मांगों में प्याज पर निर्यात शुल्क रद्द करना, बाजार शुल्क में 50 प्रतिशत की कटौती, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) की नीलामी में भागीदारी और प्याज के परिवहन में 50 प्रतिशत सब्सिडी शामिल है।

बता दें कि बुधवार को लासलगांव एपीएमसी सहित नासिक जिले के सभी एपीएमसी में प्याज की नीलामी नहीं हुई। सूत्रों ने कहा कि एपीएमसी में कोई प्याज नहीं आया।

सरकारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि नासिक जिला प्याज व्यापारी संघ के अध्यक्ष खांडू देवरे ने 13 सितंबर को मंत्री सत्तार को पत्र लिखकर चार मांगों का उल्लेख किया था और 19 सितंबर से प्याज की नीलामी में भाग नहीं लेने की चेतावनी दी थी।

इसी के तहत मंत्री ने 26 सितंबर को मार्केटिंग विभाग के अधिकारियों की बैठक आयोजित की है। मंत्री ने व्यापारियों से आंदोलन स्थगित करने का भी अनुरोध किया।

आदेश में कहा गया है कि इसके बावजूद व्यापारियों और दलालों ने हड़ताल का सहारा लिया, जिससे किसानों को विभिन्न कृषि उपज की बिक्री में कई समस्याएं पैदा हुईं।

तत्काल कानूनी कार्रवाई का आदेश जारी

इसमें कहा गया, बुधवार (20 सितंबर) को सरकार की ओर से हुई बैठक में भी व्यापारी और ब्रोकर अपने रुख पर अड़े रहे। जिसके चलते तत्काल कानूनी कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है।

महाराष्ट्र कृषि उपज विपणन (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1963 के अनुसार, सभी APMC को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए और कृषि उपज की बिक्री और खरीद सौदों को जारी रखने के लिए आवश्यक उपाय करना चाहिए।

APMC को ऐसे व्यापारियों के लाइसेंस निलंबित या रद्द करने का अधिकार है। प्रावधान के अनुसार, APMC को ऐसे व्यापारियों के लाइसेंस तुरंत निलंबित या रद्द कर देने चाहिए।

आदेश में कहा गया है कि इसके अलावा, APMC में सामान खरीदने के इच्छुक नए खरीदारों को लाइसेंस जारी करने के लिए एक आवश्यक प्रक्रिया लागू की जानी चाहिए।

आदेश में कहा गया है कि यदि कोई APMC आदेश का पालन करने में विफल रहता है, तो निदेशक मंडल और सचिव के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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