सच के साथी सीनियर्स : महाराष्ट्र के अहिल्यानगर के लोगों को डिजिटल सेफ्टी टिप्स के साथ दी फैक्ट चेकिंग की ऑनलाइन ट्रेनिंग
विश्वास न्यूज के सच के साथी- सीनियर्स अभियान के तहत महाराष्ट्र के अहिल्यानगर और झारखंड के रांची के लोगों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई। लोगों को मिसइन्फॉर्मेशन डिसइन्फॉर्मेशन और मैलइन्फॉर्मेशन में अंतर बताया गया। इसके अलावा लोगों को सच राय और अफवाह में फर्क करना बताया गया। 9 नवंबर को ही झारखंड के रांची में भी वेबिनार का आयोजन किया गया था।
नई दिल्ली। विश्वास न्यूज के एक्सपर्ट ने 9 नवंबर को 'सच के साथी- सीनियर्स' अभियान के तहत महाराष्ट्र के अहिल्यानगर और झारखंड के रांची के लोगों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी। जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग ने इस कार्यक्रम का आयोजन मुख्य रूप से सीनियर सिटिजंस के लिए आयोजित किया था। इस दौरान फैक्ट चेकर्स ने वेबिनार में मौजूद लोगों को साइबर फ्रॉड से बचने के तरीकों के साथ ही फैक्ट चेकिंग की बुनियादी ट्रेनिंग भी दी।
अहिल्यानगर के लोगों के लिए ट्रेनिंग
अहिल्यानगर के लोगों के लिए आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत विश्वास न्यूज की डिप्टी एडिटर एवं फैक्ट चेकर देविका मेहता ने करते हुए लोगों को मिसइन्फॉर्मेशन, डिसइन्फॉर्मेशन और मैलइन्फॉर्मेशन में अंतर बताया। साथ ही उन्होंने सच, राय और अफवाह में फर्क करना बताया। देविका ने कार्यक्रम के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के फायदे और नुकसान पर रोशनी डालते हुए कहा कि एआई टूल्स की मदद से आज के दौर में आसानी से किसी के आवाज की नकल करके डीपफेक वीडियो बनाए जा रहे हैं, जिनका ऐप्स के प्रमोशन में इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे वीडियो के लिपसिंक या आंखों की मुद्रा देखकर पता किया जा सकता है।
इस दौरान डिप्टी एडिटर एवं फैक्ट चेकर शरद प्रकाश अस्थाना ने सभी को डिजिटल फ्रॉड के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि डिजिटल अरेस्ट, फिशिंग लिंक्स, बैंकिंग फ्रॉड के जरिए साइबर अपराधी लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। इसके लिए सतर्क रहना काफी जरूरी है। कभी भी पुलिस, ईडी या अन्य कोई सरकारी विभाग इस तरह से ऑनलाइन जांच नहीं करता है। अगर इस तरह की कोई भी कॉल या फ्रॉड सामने आए तो फौरन 1930 या साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर शिकायत करें। साथ ही उन्होंने फैक्ट चेकिंग टूल्स की जानकारी देते हुए इसकी बुनियादी जानकारी भी दी। महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव को देखते हुए कार्यक्रम में जागरूक मतदाता बनने के लिए भी लोगों को प्रेरित किया गया।
सीनियर सिटिजंस के लिए काम करने वाले आधार आपुलकीचा फाउंडेशन के संस्थापक शुभम विष्णु पोपले ने विश्वास न्यूज के इस कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि सीनियर सिटिजंस के लिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन होते रहना चाहिए।
रांची के लिए वेबिनार
9 नवंबर को ही झारखंड के रांची के लोगों के लिए भी वेबिनार का आयोजन किया गया था। इसमें सीनियर एडिटर उर्वशी कपूर ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए लोगों को सच, राय और झूठ में अंतर करना समझाया। उन्होंने एआई के फायदे और नुकसान बताते हुए कहा कि आजकल एआई टूल्स की मदद से किसी चेहरा बदलकर डीपफेक वीडियो को वायरल किया जा रहा है। इनकी जांच एआई टूल्स ट्रू मीडिया या हाइव मॉडरेशन की मदद से की जा सकती है। उर्वशी ने फैक्ट चेकिंग टूल गूगल लेंस के जरिए तस्वीर की पहचान करने की ट्रेनिंग भी दी।
कार्यक्रम में सीनियर सब एडिटर एवं फैक्ट चेकर ज्योति कुमारी ने लोगों को साइबर फ्रॉड से बचने के तरीकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ओपन वाईफाई का प्रयोग करने से बचना चाहिए। साथ ही किसी के साथ अपना ओटीपी या निजी जानकारी शेयर नहीं करनी चाहिए। ज्योति ने बताया कि चुनाव के दौर में अक्सर लोग फर्जी या भ्रामक जानकारी के साथ वीडियो या तस्वीरें शेयर करते हैं। हमें उसे जांचकर ही कुछ फैसला लेना चाहिए।
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