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Bharat Jodo Yatra: इंदिरा गांधी की जयंती पर राहुल गांधी के साथ सिर्फ महिलाएं ही चलेंगी

Bharat Jodo Yatra कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती 19 नवंबर के अवसर पर राहुल गांधी के साथ उस दिन भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सिर्फ महिलाएं ही चलेंगी।

By AgencyEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Thu, 17 Nov 2022 04:49 PM (IST)
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इंदिरा गांधी की जयंती पर भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ सिर्फ महिलाएं ही चलेंगी। फोटो एएनआइ

अकोला, एजेंसी। Bharat Jodo Yatra: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती (Indira Gandhi Birth Anniversary) 19 नवंबर के अवसर पर कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ उस दिन भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दौरान सिर्फ महिलाएं ही चलेंगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने वीरवार को यह जानकारी दी।

इन दिनों महाराष्ट्र में गुजर रही है यात्रा

प्रेट्र के मुताबिक, भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों महाराष्ट्र (Maharashtra) से गुजर रही है। नांदेड़ के बाद यह यात्रा अब तक हिंगोली और वाशिम जिलों को कवर कर चुकी है और आगे बढ़ने से पहले अकोला और बुलढाणा जिलों को कवर करेगी। 20 नवंबर को यह मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी।

19 नवंबर को यात्रा में कांग्रेस से जुड़ी महिला कार्यकर्ता होंगी शामिल

अकोला (Akola) जिले के वाडेगांव में पार्टी के संचार और प्रचार विभाग के प्रभारी कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा कि 19 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती के अवसर पर केवल महिलाएं राहुल गांधी के साथ यात्रा में चलेंगी। 19 नवंबर को यात्रा के दोनों सत्रों (भोजन पूर्व और मध्याह्न भोजन के बाद) में कांग्रेस और उससे जुड़ी शाखाओं की महिला कार्यकर्ता शामिल लेंगी। महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों से पार्टी की महिला जनप्रतिनिधि शामिल होंगी। 

यात्रा से पार्टी में आई एकजुटता: जयराम रमेश

कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने गत मंगलवार को कहा कि 'भारत जोड़ो यात्रा' पार्टी में ऐसे समय एकजुटता लेकर आई है जब वह राजनीतिक चुनौतियों का मुकाबला कर रही है। वाशिम में उन्होंने कहा कि इस यात्रा का असर विधानसभा चुनावों में नहीं, बल्कि अगले संसदीय चुनावों में महसूस होगा। यह यात्रा 'वास्तविक' राहुल को सामने लाई है और इसने उनकी छवि को पूरी तरह बदल दिया है। वन अधिकार कानून और भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 को मौजूदा सरकार में कमजोर किया गया है जो आदिवासियों के लिए नुकसानदेह है। ये कानून कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में लाए गए थे। मोदी सरकार की नीति यही है कि किसानों से जमीन छीनी जाए और बड़े उद्योगतियों को सौंप दी जाए।

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