लोग नहीं कर रहे Zero Balance खातों का इस्तेमाल', Infosys के चेयरमैन नीलेकणि बोले; समाधान निकालना जरूरी
Maharashtra News नीलेकणि ने ग्लोबल एसएमई फाइनेंस फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि बैंक खातों में राशि जमा होने के बावजूद लोग लेनदेन नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह बैंकों की तरफ से लेनदेन पर शुल्कों की वसूली है। आधार कार्ड परियोजना के सूत्रधार रहे नीलेकणि ने कहा कई स्थानों पर इन बुनियादी बैंक खातों का परिचालन आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं पाया जा रहा है।
मुंबई, पीटीआई। इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने मंगलवार को कहा कि लोग बैंकों की तरफ से लगाए जाने वाले कई तरह के शुल्कों की वजह से 'जीरो बैलेंस' बैंक खातों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। उन्होंने इस समस्या को 'समाधान के लायक' बताते हुए कहा कि इसका समाधान निकालना इसलिए भी जरूरी है कि दूसरे देश इसका अनुकरण कर सकते हैं।
ग्लोबल एसएमई फाइनेंस फोर को किया संबोधित
दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में सरकार और बैंकों के आक्रामक अभियानों की वजह से देश की आबादी के एक बड़े हिस्से के खाते बैंकों में खुले हैं। हालांकि न्यूनतम राशि की अनिवार्यता से मुक्त इन बैंक खातों का लेनदेन के लिए इस्तेमाल अधिक नहीं हो रहा है। नीलेकणि ने यहां ग्लोबल एसएमई फाइनेंस फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि बैंक खातों में राशि जमा होने के बावजूद लोग लेनदेन नहीं कर रहे हैं।
इसकी वजह बैंकों की तरफ से लेनदेन पर शुल्कों की वसूली है। आधार कार्ड परियोजना के सूत्रधार रहे नीलेकणि ने कहा, 'कई स्थानों पर इन बुनियादी बैंक खातों का परिचालन आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं पाया जा रहा है। इन खातों पर कई तरह के शुल्क लगा दिए गए हैं। ऐसे में लोगों ने इन खातों का इस्तेमाल ही बंद कर दिया है।' हालांकि, उन्होंने कहा कि बैंकों के परिचालन से जुड़ी इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।