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Lonavala Waterfall Accident: लोनावला हादसे के बाद एक्टिव हुआ पुणे जिला प्रशासन, लोकप्रिय पिकनिक स्थलों पर निषेधाज्ञा की लागू

Lonavala Waterfall Accident लोनावला के भुशी डैम में हुए हादसे के बाद अब महाराष्ट्र सरकार और पुणे प्रशासन भी एक्टिव हो गया है। पुणे जिला प्रशासन द्वारा कई जगहों पर निषेधाज्ञा लागू कर दी है। 2 से 31 जुलाई तक प्रभावी इस आदेश के तहत पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर रोक लगाई गई है गहरे जल निकायों में व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है।

By Versha Singh Edited By: Versha Singh Updated: Wed, 03 Jul 2024 11:20 AM (IST)
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Lonavala Waterfall Accident: पुणे जिला प्रशासन ने लगाई पिकनिक स्थलों पर लगाई निषेधाज्ञा
पीटीआई, पुणे। पुणे जिला प्रशासन ने मानसून के मौसम के दौरान पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भुशी बांध और पावना बांध क्षेत्र सहित कई लोकप्रिय पिकनिक स्थलों पर निषेधाज्ञा (imposed prohibitory orders) लागू कर दी है।

2 से 31 जुलाई तक प्रभावी इस आदेश के तहत पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर रोक लगाई गई है, गहरे जल निकायों में व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ ही इन स्थलों पर सेल्फी लेने और रील बनाने पर भी बैन लगाया गया है।

खतरनाक जगहों के लिए रूपरेखा तैयार

प्रशासन ने पहले ही खतरनाक पर्यटन स्थलों के लिए सुरक्षा उपायों की एक श्रृंखला की रूपरेखा तैयार कर ली है, जिसमें खतरनाक क्षेत्रों की पहचान और सीमांकन, जीवन रक्षकों और बचाव दलों की उपस्थिति और चेतावनी बोर्ड लगाना शामिल है।

यह कदम रविवार को हुई एक घटना के बाद उठाया गया है, जिसमें एक महिला और चार बच्चे महाराष्ट्र के पुणे जिले के सुरम्य लोनावाला हिल स्टेशन के प्रसिद्ध पिकनिक स्थल भुशी बांध के पास एक झरने में बह गए थे।

पुणे कलेक्टर सुहास दिवासे द्वारा मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, नव कार्यान्वित भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 और आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 को मावल, मुलशी, अम्बेगांव, खेड़, जुन्नार, भोर, वेल्हा, इंदापुर और हवेली तहसीलों में विशिष्ट स्थानों पर लागू किया जाएगा।

उल्लंघनकर्ताओं पर प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

भुशी बांध, बेंडेवाड़ी सहित कई प्वाइंट्स पर लगी निषेधाज्ञा

निषेधाज्ञा विशिष्ट स्थलों पर लागू की जाएगी, जिनमें मावल तहसील में भुशी बांध, बेंडेवाड़ी और दहुली झरने, साथ ही खंडाला में टाइगर प्वाइंट, लायन प्वाइंट और राजमाची प्वाइंट, सहारा ब्रिज, पावना बांध क्षेत्र, टाटा बांध और घुबड़ झील शामिल हैं।

मुलशी तहसील में, आदेश मुलशी बांध, तमहिनी घाट वन क्षेत्र और मिल्कीबार झरना को कवर करते हैं। हवेली तहसील के क्षेत्रों में खड़कवासला और वारसगांव बांध और सिंहगढ़ किले के आसपास के क्षेत्र शामिल हैं। अम्बेगांव तहसील में यह आदेश भीमाशंकर क्षेत्र, डिंभे बांध क्षेत्र और कोंधवाल झरना क्षेत्र पर लागू होता है।

जुन्नार तहसील में मालशेज घाट, स्थानीय बांध, शिवनेरी किला क्षेत्र और माणिकदोह शामिल हैं। प्रतिबंधात्मक उपाय भटघर बांध क्षेत्र के आसपास के झरनों और भोर और वेल्हा तहसीलों के अन्य जल निकायों और किला क्षेत्रों तक फैले हुए हैं। इसी तरह, खेड़ और इंदापुर तहसीलों के जल निकायों और घाट क्षेत्रों को भी इसमें शामिल किया गया है।

कई अस्थायी दुकानों को गिराया गया

इसके अलावा, लोनावाला नगर परिषद और मध्य रेलवे द्वारा संयुक्त कार्रवाई में, अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान भुशी बांध के पास 60 से अधिक अस्थायी दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया।

सोमवार को दिवासे ने स्थानीय प्रशासन को पर्यटन स्थलों के आसपास अनाधिकृत ढांचों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

गौरतलब है कि कुछ स्थानों पर पर्यटकों के साथ होने वाली दुर्घटनाओं के मद्देनजर सुरक्षा उपायों की रूपरेखा तैयार की गई।

मानसून के मौसम के दौरान, बड़ी संख्या में पर्यटक पुणे जिले के पश्चिमी घाट में स्थित भुशी और पावना बांध, लोनावाला, सिंहगढ़, मालशेज और ताम्हिनी तथा अन्य स्थानों पर आते हैं, तथा अक्सर अज्ञात और खतरनाक क्षेत्रों में चले जाते हैं।

लोनावाला पुलिस के अनुसार, जनवरी 2024 से पवना बांध में चार लोग डूब चुके हैं।

मावल तहसील में विभिन्न जलाशयों से शव हुए बरामद

वन्यजीव रक्षक मावल (वीआरएम) जैसे बचाव संगठनों ने इस वर्ष मार्च से मई के बीच मावल तहसील में विभिन्न जलाशयों से 27 शव बरामद होने की सूचना दी है।

जिला कलेक्टर ने अधिकारियों से विभिन्न पर्यटक स्थलों जैसे बांध, झरने, झील, नदी और चट्टानों पर खतरनाक स्थानों की पहचान करने और परिधि रेखाएं और चेतावनी बोर्ड लगाकर उन्हें निषिद्ध क्षेत्र के रूप में चिह्नित करने को कहा था, ताकि पर्यटक उनसे आगे न जाएं।

उन्होंने कहा कि जो स्थान आपदा-प्रवण हैं और जहां सुरक्षा उपाय नहीं किए जा सकते हैं, उन्हें पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाना चाहिए।

राजस्व, वन, रेलवे, नगर निगम और लोक निर्माण विभाग जैसी एजेंसियों को पर्यटकों द्वारा अक्सर देखे जाने वाले जल निकायों में गोताखोरों, बचाव नौकाओं, लाइफगार्ड और लाइफ जैकेट तैनात करने चाहिए।

कलेक्टर ने कहा कि प्राथमिक उपचार सुविधाओं वाली एम्बुलेंस भी तैनात की जानी चाहिए। दिवासे ने कहा, यदि आवश्यक हो, तो नियमों और विनियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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