'महाराष्ट्र में जनरल डायर का राज', संजय राउत ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के लिए की शिंदे सरकार की आलोचना
महाराष्ट्र में चल रहे मराठा आरक्षण में हुए प्रदर्शनकारियों की पिटाई पर बवाल मचा हुआ है। शिवसेना (यूबीटी)सांसद संजय राउत ने सोमवार को सरकार से सवाल किया कि पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का आदेश किसने दिया था। राउत ने पूछा शीर्ष अधिकारियों के आदेश के बिना मुख्यमंत्री और राज्य के गृह मंत्री के कार्यालय से किसने फोन किया?
मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण को लेकर सियासी गलियारों में माहौल गरम है। बीते शुक्रवार को मराठा आरक्षण की मांग के दौरान जालना में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की गई थी। प्रदर्शनकारियों की पिटाई को लेकर हंगामा मचा हुआ है। इस बीच शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने सोमवार को सरकार से जानना चाहा कि पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का आदेश किसने दिया था।
शुक्रवार को जालना जिले के अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस ने यह कदम तब उठाया जब प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर अधिकारियों को मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को अस्पताल ले जाने से मना कर दिया था।
हिंसा में 40 पुलिसकर्मियों सहित अनेक लोग घायल हो गए और 15 से अधिक राज्य परिवहन बसों को आग लगा दी गई।
राज्य सरकार जनरल डायर की मानसिकता के साथ कर रही काम
पत्रकारों से बात करते हुए संजय राउत ने पूछा, "शीर्ष अधिकारियों के आदेश के बिना मुख्यमंत्री और राज्य के गृह मंत्री के कार्यालय से किसने फोन किया? स्थानीय पुलिस कभी भी लाठीचार्ज और खुले तौर पर गोलीबारी का सहारा नहीं लेगी। हम जानना चाहते हैं कि फोन कॉल पर ये अदृश्य आदेश किसने दिए।"
संजय राउत ने सरकार से सवाल पूछते हुए आगे कहा, ''मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दोनों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार जनरल डायर की मानसिकता के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने शांतिपूर्वक भूख हड़ताल पर बैठे मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और गोलीबारी का आदेश दिया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को घोषणा की कि जालना जिले के पुलिस अधीक्षक तुषार दोषी को आधिकारिक अवकाश पर भेज दिया गया है और दो डीवाईएसपी-रैंक के अधिकारियों को जिले से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है।
लाठीचार्ज घटना की होगी जांच- सीएम एकनाथ शिंदे
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि एडीजीपी (कानून व्यवस्था) संजय सक्सेना लाठीचार्ज की घटना की जांच करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो न्यायिक जांच भी कराई जाएगी। पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने यह भी दावा किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजीत पवार के राज्य सरकार में शामिल होने के फैसले के परिणामस्वरूप उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप हटा दिए गए हैं।
राउत ने शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “न सिर्फ पवार, बल्कि उनके अन्य सहयोगियों जैसे प्रफुल्ल पटेल, हसन मुश्रीफ को भी क्लीन चिट मिल जाएगी। इन सभी नेताओं की भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोपों के लिए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों द्वारा जांच की गई थी।"
आपको बता दें कि अजित पवार और आठ अन्य राकांपा विधायक 2 जुलाई को शिंदे और फडणवीस सरकार में शामिल हुए थे।