पूजा खेडकर का खुला एक और राज, MBBS में कैसे और किस सर्टिफिकेट से मिला दाखिला, मेडिकल कॉलेज ने बता दिया सच
ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर मामले में एक नया खुलासा हुआ है। 2007 में पूजा खेडकर ने एमबीबीएस में दाखिल लेते वक्त गैर-क्रीमी लेयर का ओबीसी प्रमाण दाखिल किया था। वहीं मेडिकल प्रमाण पत्र में वह बिल्कुल फिट थीं। पूजा ने श्रीमती काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज में आरक्षित खानाबदोश जनजाति-3 श्रेणी के तहत प्रवेश हासिल किया था। यह जानकारी मेडिकल कॉलेज ने साझा की है।
एएनआई, पुणे। ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर मामले में नई जानकारी सामने आई है। पूजा ने 2007 में एमबीबीएस में दाखिले के लिए गैर-क्रीमी लेयर ओबीसी प्रमाण पत्र जमा किया था। यह जानकारी काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के निदेशक ने दी है। बता दें कि पूजा खेडकर पर अपने पद का दुरुपयोग करने और सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए फर्जी विकलांगता और जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के आरोप हैं।
पूजा को मिले थे 200 में से 146 अंक
श्रीमती काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज एवं जनरल हॉस्पिटल के निदेशक अरविंद भोरे के मुताबिक पूजा ने एसोसिएशन ऑफ मैनेजमेंट ऑफ अनएडेड प्राइवेट मेडिकल एंड डेंटल कॉलेजेज ऑफ महाराष्ट्र (एएमयूपीडीएमसी) की प्रवेश परीक्षा के माध्यम से कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की सीट हासिल की थी। उन्हें 200 में से 146 अंक मिले थे। 2007 में वह कॉलेज के पहले बैच का हिस्सा बनी थी।
ऐसे पूजा को मिला एमबीबीएस में दाखिला
निदेशक ने बताया कि पूजा ने सीईटी परीक्षा भी दी थी, लेकिन एएमयूपीडीएमसी परीक्षा में बेहतर अंक के आधार पर उन्हें सीट दी गई थी। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) शुरू होने के बाद एएमयूपीएमडीसी परीक्षा अब अस्तित्व में नहीं है। खेडकर ने गैर-क्रीमी लेयर ओबीसी प्रमाण पत्र दाखिल करके आरक्षित खानाबदोश जनजाति-3 श्रेणी के तहत कॉलेज में सीट हासिल की थी।
मेडिकल प्रमाण पत्र से बड़ा खुलासा
भोरे ने जानकारी दी है कि पूजा ने प्रवेश के समय वंजारी समुदाय की एनटी-3 श्रेणी का गैर-क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। उस वक्त दस्तावेज की जांच में वे प्रामाणिक सरकारी रिकॉर्ड मिले थे। जारी करने वाला प्राधिकारी अहमदनगर जिले का था। प्रवेश के दौरान पूजा ने अपना मेडिकल प्रमाण पत्र भी कॉलेज को सौंपा था। प्रमाण पत्र के मुताबिक वे चिकित्सकीय रूप से फिट थीं।
आरटीआई कार्यकर्ता ने उठाए सवाल
पुणे के आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार ने खेडकर की नियुक्ति पर सवाल उठाया और आरोप लगाया था कि वह ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर में नहीं आती हैं, क्योंकि उनके पिता के पास 40 करोड़ रुपये की संपत्ति है। नियमों के अनुसार केवल वे लोग ओबीसी गैर-क्रीम लेयर श्रेणी में आते हैं जिनके माता-पिता की आय आठ लाख रुपये प्रति वर्ष से कम है, लेकिन उनकी आय 40 करोड़ रुपये दिखाई गई है। उनके माता-पिता ने हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़ा था और हलफनामे में सभी संपत्ति का विवरण है।
जांच की उठी मांग
कुंभार ने कहा कि इससे यह सवाल उठता है कि पूजा खेडकर ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर श्रेणी में कैसे आ सकती हैं। इस बात की विस्तृत जांच होनी चाहिए कि उन्हें उस श्रेणी में आईएएस अधिकारी के रूप में कैसे नियुक्त किया गया।
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