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पुणे कार दुर्घटना में नाबालिग का ब्लड सैंपल बदलने के आरोप में दो डॉक्टर निलंबित, इस मामले में समिति का किया गया गठन

महाराष्ट्र सरकार ने पुणे पोर्श कार दुर्घटना में शामिल नाबालिग के ब्लड सैंपल में हेरफेर के मामले में गिरफ्तार ससून अस्पताल के दो डाक्टरों को निलंबित कर दिया है। गौरतलब है कि 19 मई की सुबह पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 17 वर्षीय किशोर ने तेज रफ्तार पोर्श कार से मोटरसाइकिल सवार दो आइटी इंजीनियर को टक्कर मार दी थी। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Published: Wed, 29 May 2024 11:45 PM (IST)Updated: Wed, 29 May 2024 11:45 PM (IST)
पुणे कार दुर्घटना में नाबालिग का ब्लड सैंपल बदलने के आरोप में दो डॉक्टर निलंबित। फाइल फोटो।

पीटीआई, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को पुणे पोर्श कार दुर्घटना में शामिल नाबालिग के ब्लड सैंपल में हेरफेर के मामले में गिरफ्तार ससून अस्पताल के दो डाक्टरों को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही ससून सिविल अस्पताल के डीन डॉ विनायक काले को छुट्टी पर भेज दिया गया है और डा चंद्रकांत म्हस्के को अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया है।

सरकार ने समिति का किया गठन

वहीं, सरकार ने किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों के आचरण की जांच करने के लिए एक समिति गठित की है। फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डा अजय तावड़े और ससून अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डा श्रीहरि हल्नोर को निलंबित करने का आदेश महाराष्ट्र चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त द्वारा दी गई सिफारिश पर दिया गया था।

इस आधार पर डॉक्टरों को किया गया निलंबित

चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा कि राज्य सरकार को आरोपों की जांच के लिए नियुक्त तीन सदस्यीय समिति से एक रिपोर्ट मिली है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर दोनों डॉक्टरों को निलंबित किया गया है। डॉ चंद्रकांत म्हास्के पुणे जिले के बारामती स्थित पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी सरकारी मेडिकल कॉलेज के मौजूदा डीन हैं।

हादसे में दो लोगों की हुई थी मौत

गौरतलब है कि 19 मई की सुबह पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 17 वर्षीय किशोर ने तेज रफ्तार पोर्श कार से मोटरसाइकिल सवार दो आइटी इंजीनियर को टक्कर मार दी थी। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस का कहना है कार चला रहा किशोर बिल्डर विशाल अग्रवाल का बेटा है, जो कि कार चलाते वक्त नशे में था। किशोर उस वक्त नशे में था या नहीं इसके लिए उसके ब्लड सैंपल एकत्र कर जांच के लिए भेजे गए।

क्या है ब्लड सैंपल से जुड़ा मामला?

पुलिस ने दावा किया कि पुणे के ससून अस्पताल में किशोर के ब्लड सैंपल को फेंक कर और उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति के सैंपल रखे गए थे। इन सैंपलों में शराब का कोई निशान नहीं था। इसके लिए महाराष्ट्र चिकित्सा शिक्षा विभाग ने ग्रांट्स मेडिकल कालेज की डीन डा पल्लवी सापले की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था।

किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों के आचरण की होगी जांच: नारनवरे

राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग के आयुक्त प्रशांत नारनवरे ने कहा कि हमने एक समिति गठित की है जो राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों के आचरण की जांच करेगी और यह देखेगी कि कार दुर्घटना मामले में आदेश जारी करते हुए नियमों का पूरी तरह पालन किया गया या नहीं। नारनवरे ने कहा कि मेरे पास राज्य सरकार द्वारा नियुक्त सदस्यों के आचरण की जांच करने के लिए किशोर न्याय अधिनियम के तहत शक्तियां हैं।  

दुर्घटना के समय कार में विधायक का बेटा भी था: पटोले

वहीं, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया कि एक विधायक के बेटे समेत कुछ हाई प्रोफाइल लोगों ने पब में शराब पी और पोर्श कार में सवार थे। पटोले ने सवाल किया कि वह मंत्री कौन है,जिसने थाने में फोन किया और वह विधायक कौन है, जिसका बेटा कार में मौजूद था? उन्होंने इस घटना पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बयान की मांग की। पुणे पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक घटना में विधायक सुनील टिंगरे का कोई संबंध सामने नहीं आया है, जिससे उनकी जांच हो।

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