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'उन्हें संविधान की प्रति खाली लगती है, क्योंकि इसे कभी पढ़ा नहीं', राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर कसा तंज

Rahul Gandhi राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि संविधान की लाल किताब कोरी है क्योंकि उन्होंने कभी इसे पढ़ा नहीं है। चुनावी रैली में भाजपा और आरएसएस पर आदिवासियों का हक छीनने के प्रयासों का आरोप लगाते हुए कहा कि जब आपके जंगल बचेंगे ही नहीं तो आप कहां जाएंगे।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Thu, 14 Nov 2024 07:13 PM (IST)
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पीएम मोदी ने कहा था कि राहुल संविधान की कोरी किताब लेकर घूम रहे हैं। (File Image)
राज्य ब्यूरो, मुंबई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लगता है कि संविधान की लाल किताब कोरी है, क्योंकि उन्होंने इसे कभी नहीं पढ़ा है। महाराष्ट्र के नंदुरबार में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान में भारत की आत्मा, बिरसा मुंडा, डॉ. बीआर आंबेडकर और महात्मा गांधी द्वारा परिकल्पित सिद्धांत शामिल हैं।

राहुल ने कहा कि भाजपा को पुस्तक के लाल रंग पर आपत्ति है। लेकिन, हमें इसकी परवाह नहीं है कि रंग लाल है या नीला। हम इसे (संविधान) संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आदिवासियों को वनवासी कहकर उनका हक छीनना चाहते हैं।

भाजपा पर आदिवासियों का अपमान करने का लगाया आरोप

उन्होंने एक बार फिर अपने हाथ में संविधान की लाल किताब लहराते हुए सभा में बड़ी संख्या में उपस्थित जनजातीय लोगों से कहा कि इस किताब में आपका नाम आदिवासी लिखा है। आदिवासी का मतलब है, हिंदुस्तान के पहले मालिक। जल, जंगल, जमीन पर पहला मालिकाना हक आदिवासियों का है, लेकिन, राष्ट्रीय स्वयं संघ और भाजपा के लोग आपको वनवासी कह कर आपका अपमान करते हैं। वो आपके अधिकार छीनते हैं। आपके जंगल छीनकर उद्योगपतियों को देते हैं।

राहुल ने सवाल किया कि जब आपके जंगल बचेंगे ही नहीं, तो आप कहां जाएंगे। तब आपको दूसरे राज्यों में जाकर नौकरी करने पर मजबूर होना पड़ेगा। बिरसा मुंडा का नाम लेते हुए कहा कि उन्होंने आपके अधिकारों के लिए ही लड़ाई लड़ी। देश में आदिवासियों की आबादी आठ प्रतिशत है। आबादी आठ प्रतिशत है, तो उनकी भागीदारी भी आठ प्रतिशत होनी चाहिए, लेकिन, देश में महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने वाले 90 अफसरों में सिर्फ एक अफसर आदिवासी है। उसे भी कोने में सबसे पीछे बैठा रखा है।

दोहराया खटाखट का नारा

राहुल ने एक बार फिर मीडिया संस्थानों को भी जातीय राजनीति में खींचते हुए कहा कि टीवी चैनलों के एंकरों में एक भी आदिवासी या दलित का नाम निकालकर बता दीजिए, लेकिन मनरेगा में सब आदिवासी और दलित ही मिलते हैं। हम इस स्थिति में बदलाव लाना चाहते हैं। बदलाव लाने का तरीका जाति आधारित गणना है। हम जाति आधारित गणना कराएंगे और जितना पैसा मोदी उद्योगपतियों के ऋण माफ करने के लिए देते हैं, उतना पैसा हम आपके खाते में खटाखट-खटाखट डालकर दिखाएंगे।

महाराष्ट्र में अनुसूचित जनजाति के लिए 25 सीटें आरक्षित हैं। इनमें अधिसंख्य सीटें उत्तर महाराष्ट्र में हैं। नंदुरबार एक समय कांग्रेस का अभेद्य दुर्ग माना जाता था। इंदिरा गांधी अपने प्रचार अभियान की शुरुआत यहीं से करती थीं। सोनिया गांधी ने भी विधिवत राजनीति में प्रवेश से पहले यहीं अपनी पहली सार्वजनिक सभा की थी। अब राहुल गांधी ने भी नंदुरबार में अनुसूचित जनजातियों से संबंधित मुद्दे उठाकर राज्य की अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सभी सीटों को संदेश देने का काम किया है।

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