भाजपा पर भड़के पूर्व केंद्रीय मंत्री खलप, बोले- लोकसभा चुनाव में राम मंदिर BJP के लिए वोटों के ध्रुवीकरण में मदद नहीं करेगा
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमाकांत खलप ने बुधवार को भाजपा पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए वोटों के ध्रुवीकरण में मदद नहीं मिलेगी। खलप ने कहा कि कांग्रेस सबसे पुरानी पार्टी है और लोगों के विभिन्न वर्गों में इसकी स्वीकार्यता है।
पीटीआई, पणजी। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमाकांत खलप ने बुधवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए वोटों के ध्रुवीकरण में मदद नहीं मिलेगी।
पीटीआई से बात करते हुए खलप ने कहा कि कांग्रेस सबसे पुरानी पार्टी है और लोगों के विभिन्न वर्गों में इसकी स्वीकार्यता है।खलप ने कहा कि उनकी पार्टी के लिए तटीय राज्य में उत्तर और दक्षिण गोवा दोनों लोकसभा सीटें जीतना "पूरी तरह से संभव" है, उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के टिकट पर उत्तरी गोवा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं।
उन्होंने दावा किया कि हालांकि उत्तरी गोवा संसदीय क्षेत्र के तहत कांग्रेस का केवल एक विधायक है, लेकिन इस क्षेत्र में पार्टी के बहुत बड़े समर्थक हैं।76 वर्षीय नेता ने देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल में कानून मंत्री के रूप में कार्य किया था। उन्होंने केंद्रीय कानून मंत्री (1996-97 में) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान महिला आरक्षण विधेयक पेश किया था।
खलप, जो पहले महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) में थे, वर्तमान में कांग्रेस के साथ हैं।
पिछले महीने अयोध्या मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्रतिष्ठा से संबंधित एक सवाल पर, खलप ने कहा कि यह गलत धारणा है कि कांग्रेस के खिलाफ वोटों का ध्रुवीकरण होगा।उन्होंने कहा, "जब कोई मेरे सामने जय श्री राम कहता है तो मैं भी जवाब में जय श्री राम कहता हूं। श्री राम सार्वभौमिक भगवान हैं।"खलप ने कहा कि 'राम भक्त' किसी एक राजनीतिक दल के नहीं हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी लोकसभा चुनाव में निश्चित रूप से एक कारक हैं।
उन्होंने कहा, लेकिन वह अकेले कारक नहीं हैं। अन्य कारक भी हैं जो चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।खलप ने उस समय को याद किया जब "इंदिरा इज इंडिया" का नारा (आपातकाल के दौरान कांग्रेस द्वारा) उठाया गया था।उन्होंने कहा, तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने खालिस्तान आंदोलन की रीढ़ तोड़ दी थी, वह बांग्लादेश की आजादी के लिए जिम्मेदार थीं, उन्होंने एक आतंकी हमले में अपनी जान भी गंवा दी थी. लेकिन उसके बाद भी हमने देश में हुए राजनीतिक बदलावों को देखा है।
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