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Ratan Tata: मुंबई हमले के दौरान चट्टान की तरह ताज होटल के सामने डटे रहे रतन टाटा, पुलिस ऑफिसर ने सुनाया किस्सा

महाराष्ट्र के एडीजी ने गुरुवार को नवंबर 2008 की इस घटना की विभीषिका को याद करते हुए कहा कि वह तब दक्षिण मुंबई के जोन-1 के पुलिस उपायुक्त थे। वह उन पुलिस अफसरों में शामिल थे जो आतंकी हमला होने के बाद सबसे पहले होटल में घुसे थे और पाकिस्तानी आतंकियों से मुठभेड़ की थी। जब तक सैन्य अभियान चलता रहा टाटा होटल के बाहर खड़ा देखा गया ।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 11 Oct 2024 05:45 AM (IST)
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सुरक्षा बलों व कर्मियों के संपर्क में रहे, घायलों ने देश का असली रतन बताया (फाइल फोटो)

 पीटीआई, मुंबई। 2008 में हुए 26/11 के आतंकी हमले के अनुभवों को लेकर महाराष्ट्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विश्वास नागरे पाटिल ने कहा कि मुंबई के कोलाबा में स्थित ताज महल पैलेस होटल में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों के खिलाफ चल रहे सेना के आपरेशन के दौरान लगातार तीन दिनों पर उद्योगपति रतन टाटा होटल के बाहर चट्टान बनकर खड़े रहे थे।

ताज होटल में घुस गए थे आतंकी

महाराष्ट्र के एडीजी ने गुरुवार को नवंबर, 2008 की इस घटना की विभीषिका को याद करते हुए कहा कि वह तब दक्षिण मुंबई के जोन-1 के पुलिस उपायुक्त थे। वह उन पुलिस अफसरों में शामिल थे जो आतंकी हमला होने के बाद सबसे पहले होटल में घुसे थे और पाकिस्तानी आतंकियों से मुठभेड़ की थी।

वरिष्ठ आइपीएस अफसर ने बताया कि रतन टाटा अपने शांति आचरण के लिए जाने जाते रहे हैं लेकिन होटल पर हमले के दौरान उसके मुक्त होने तक वहां से नहीं हटने को लेकर दृढ़ संकल्प थे। जब तक सैन्य अभियान चलता रहा, टाटा को अधिकांश समय होटल के बाहर खड़ा देखा गया था। वह लगातार सुरक्षा अधिकारियों और होटल कर्मचारियों के संपर्क में थे।

पुलिस अफसर ने सुनाया किस्सा

पुलिस अफसर दीपक ढोले ने बताया कि आतंकियों से मुकाबला करते हुए गंभीर रूप से घायल लोगों ने टाटा को देश का असली रतन बताया था। उन्होंने रतन टाटा को एक महान इंसान बताते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ होटल में फंसे इंसानों की ही नहीं, बल्कि आतंकियों से जारी मुठभेड़ के दौरान सड़क पर घूम रहे 5-6 आवारा कुत्तों के जीवन की भी चिंता थी।

उस गोलीबारी के दौरान उन्होंने आसपास के जानवरों को भी खाना खिलाया था। हमले के एक महीने बाद ही होटल फिर से खोल दिया गया था, हालांकि उसे उसका पुराना वैभव वापस देने में 21 महीने लग गए थे। उन्होंने इस आपदा से प्रभावित पीडि़तों की सहायता के लिए ताज पब्लिक सर्विस वेलफेयर ट्रस्ट का भी गठन किया था।

राजनीति, उद्योग, फिल्मी हस्तियों से लेकर कई केंद्रीय मंत्रियों ने रतन टाटा को दी श्रद्धांजलि

रतन टाटा के निधन से देशभर में शोक की लहर है। सादगी, विनम्रता और परोपकार के गुण से उन्होंने सभी के दिल पर अमिट छाप छोड़ी। निधन के बाद एनसीपीए ग्राउंड में उनके अंतिम दर्शन के लिए सैलाब उमड़ पड़ा। राजनीति, उद्योग, फिल्म से लेकर कई केंद्रीय मंत्रियों ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी।

'रतन टाटा ने भारतीय उद्योग पर एक अमिट छाप छोड़ी। वह उद्योग जगत के दिग्गजों में से एक थे। वह वास्तव में बहुत प्रेरणादायक दिवंगत जेआरडी टाटा के योग्य उत्तराधिकारी साबित हुए, जिनके साथ मुझे कई मौकों पर बातचीत करने का अवसर मिला। देश रतन टाटा का ऋणी रहेगा। उनकी आत्मा को शांति मिले। उनके परिवार, दोस्तों और असंख्य प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है।'-वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी

'रतन टाटा अपनी अनूठी सोच और कार्य से प्रेरणास्त्रोत बने रहेंगे। अनेक ऊंचाइयों को छूने के बाद भी उनकी सादगी और विनम्रता की शैली अनुकरणीय रहेगी। उनके निधन से भारत ने एक अमूल्य रत्न खो दिया है। भारत की विकास यात्रा में रतन टाटा का योगदान चिरस्मरणीय रहेगा। उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नई व प्रभावी पहल के साथ ही उन्होंने कई श्रेष्ठ मानक स्थापित किये। समाज के हित के अनुकूल सभी कार्यों में उनका सतत सहयोग व सहभागिता बरकरार रही।'-आरएसएस के सरसंघचालक, मोहन भागवत

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