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Phone Tapping Case: 'गिरफ्तारी के डर से देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना में फूट डाली', फोन टैपिंग मामले में संजय राउत का दावा

संजय राउत ने मंगलवार को बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि कथित फोन टैपिंग मामले में गिरफ्तारी के डर से महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शिव सेना में फूट डाल दी है।राउत ने दावा किया आप हमारे नेताओं को गिरफ्तार कर सकते हैं तो क्या हम आपके राजनीतिक दल के नेताओं को नहीं छू सकते। देवेंद्र फडणवीस पर विरोधियों के फोन टैप करने का गंभीर आरोप लगा है।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Tue, 23 Apr 2024 03:03 PM (IST)
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फोन टैपिंग मामले में संजय राउत का दावा (Image: ANI)
पीटीआई, मुंबई। शिव सेना (UBT) नेता संजय राउत ने मंगलवार को बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि कथित फोन टैपिंग मामले में गिरफ्तारी के डर से महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शिव सेना में फूट डाल दी है।

राउत ने कहा कि लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हार जाएगी। उन्होंने कहा कि नई सरकार भाजपा नेताओं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ बंद किए मामलों की जांच करेगी।

2019-2022 तक इनके खिलाफ हुई थी जांच

राउत ने कहा कि जब 2019-2022 तक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सत्ता में थी, तब भाजपा नेताओं प्रवीण दरेकर, प्रसाद लाड, आशीष शेलार, गिरीश महाजन के खिलाफ विभिन्न मामलों में जांच चल रही थी।

राउत ने दावा किया 'आप हमारे नेताओं को गिरफ्तार कर सकते हैं, तो क्या हम आपके राजनीतिक दल के नेताओं को नहीं छू सकते। देवेंद्र फडणवीस पर विरोधियों के फोन टैप करने का गंभीर आरोप लगा है। इस डर से कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है और सजा का सामना करना पड़ सकता है, उन्होंने शिवसेना में विभाजन की योजना बनाई।'

2022 में शिवसेना का हुआ विभाजन

उल्लेखनीय है कि जून 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी के अधिकांश विधायकों द्वारा पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने के बाद शिवसेना विभाजित हो गई। पिछले साल, चुनाव आयोग के साथ-साथ राज्य विधानसभा अध्यक्ष ने शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और धनुष और तीर का प्रतीक आवंटित किया।

फडणवीस 2014-2019 तक मुख्यमंत्री थे। तत्कालीन राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) प्रमुख रश्मि शुक्ला पर विपक्षी नेताओं के फोन अवैध रूप से टैप करने का आरोप लगाया गया था और उन पर आरोप भी लगे थे। पिछले साल सितंबर में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्ला के खिलाफ दो एफआईआर रद्द कर दीं, जो अब राज्य के पुलिस महानिदेशक हैं।

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