Pawar Family Rift: पवार परिवार में कहीं उद्धव गुट तो नहीं डाल रहा दरार, अजीत के BJP में जाने की उड़ रही अफवाह
शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे इस लेख में कोई व्यक्ति कहकर इशारा अजीत पवार की ओर किया था। इस लेख के कारण ही अजीत पवार को रक्षात्मक मुद्रा में आकर बयान देना पड़ा कि वह मरते दम तक राकांपा में ही काम करते रहेंगे।
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार के परिवार में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। उनके भतीजे अजीत पवार के भाजपा में जाने की अफवाहें उड़ रही हैं। वास्तव में इन अफवाहों को हवा देने का काम महाविकास आघाड़ी का ही एक घटक दल शिवसेना (उद्धव गुट) करता दिखाई दे रहा है। पिछले सप्ताह हुई शरद पवार और उद्धव ठाकरे की मुलाकात के चार दिनों बाद ही उद्धव गुट के प्रवक्ता संजय राउत ने अपने एक लेख में शरद पवार का हवाला देते हुए कहा कि पवार ने उद्धव को आश्वस्त किया है कि यदि उनकी पार्टी का कोई व्यक्ति भाजपा में जाता है, तो भी राकांपा भाजपा के साथ नहीं जाएगी।
शिवसेना ने अजीत पवार की ओर किया था इशारा
शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे इस लेख में 'कोई व्यक्ति' कहकर इशारा अजीत पवार की ओर किया था। इस लेख के कारण ही अजीत पवार को रक्षात्मक मुद्रा में आकर बयान देना पड़ा कि वह मरते दम तक राकांपा में ही काम करते रहेंगे। साथ ही, उन्होंने संजय राउत पर भी यह कहकर कटाक्ष किया था कि राकांपा को बाहरी प्रवक्ताओं की जरूरत नहीं है। अजीत पवार के इस बयान से चिढ़े संजय राउत ने दो दिन पहले फिर बयान दिया कि उनके इस लेख के कारण ही राकांपा में 'आपरेशन लोटस' सफल नहीं हो सका। राउत ने कहा कि मैं जो लिखता हूं, सही लिखता हूं। मुझे किसी के बाप का डर नहीं है।
अजीत पवार ने पूछा - कौन संजय राउत ?
संजय राउत के इस बयान के बारे में जब अजीत पवार से पूछा गया तो उन्होंने बड़े उपेक्षापूर्ण तरीके से पूछा किया कि, कौन संजय राउत? अजीत पवार का यह अंदाज बताता है कि उन्हें राउत की टिप्पणियां रास नहीं आ रही हैं। महाविकास आघाड़ी का हिस्सा होने के कारण अजीत पवार और उद्धव ठाकरे अक्सर एक मंच पर साथ दिखाई देते हैं। लेकिन, अजीत पवार उस समय से ही उद्धव ठाकरे की आंखों की किरकिरी बने हुए हैं, जब नवंबर 2019 में उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी।
उद्धव को लगता है कि यदि वह सरकार चल जाती, तो उन्हें मिला मुख्यमंत्री पद हाथ से निकल सकता था। अजीत पवार के प्रति इसी चिढ़ के कारण महाविकास आघाड़ी सरकार जाने के कुछ ही दिन बाद उद्धव ने एक बयान में कहा था कि महाराष्ट्र को अब कोई महिला मुख्यमंत्री मिलनी चाहिए। यह कहते हुए उनका इशारा शरद पवार की सांसद पुत्री सुप्रिया सुले की ओर था। जबकि, पवार के परिवार में अब तक राष्ट्रीय राजनीति सुप्रिया सुले एवं राज्य की राजनीति भतीजे अजीत पवार देखते रहे हैं। जाहिर है, अजीत पवार को उद्धव का वह बयान रास नहीं आया होगा।
अजीत पवार ने कहा - अब राकांपा को उपमुख्यमंत्री पद में कोई रुचि नहीं
इसी बीच आजकल चल रही राजनीतिक अटकलों के बीच अजीत पवार ने शुक्रवार को एक टीवी चैनल से बातचीत में एक नया दावा किया है। उनका कहना है कि अब राकांपा को उपमुख्यमंत्री पद में कोई रुचि नहीं है। 2024 से पहले भी राकांपा राज्य में अपना मुख्यमंत्री बना सकती है। अजीत पवार के इस बयान से महाराष्ट्र में नई राजनीतिक अटकलों का दौर शुरू हो सकता है।