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रिजिजू ने कहा, सभी संस्थानों को लक्ष्मण रेखा का करना चाहिए सम्मान, न्यायपालिका को नहीं किया गया कमजोर

कानून मंत्री ने कहा कि हमारा संविधान हर संस्थान के लिए एक लक्ष्मण रेखा को अनिवार्य बनाता है। इसका सम्मान किया जाना चाहिए। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कम करने या न्यायपालिका के काम में हस्तक्षेप के लिए कुछ नहीं किया है।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 03 May 2023 02:00 AM (IST)
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न्यायपालिका को नहीं किया गया कमजोर : रिजिजू
मुंबई, पीटीआई। केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने कोई ऐसा काम नहीं किया कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता कमजोर हो। हर एक संस्थान को संविधान द्वारा तय लक्ष्मण रेखा का सम्मान करना चाहिए। वह महाराष्ट्र एवं गोवा विधिज्ञ परिषद की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

कुछ लोग आम लोगों के बीच गलतफहमी फैला रहे हैं

रिजिजू ने कहा कि यह गलतफहमी है कि सरकार न्यायपालिका पर किसी भी तरह का दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। हम न केवल न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रख रहे हैं, बल्कि इसे मजबूत करने के लिए काम भी कर रहे हैं। उदारवादी होने का दावा करने वाले कुछ लोग आम लोगों के बीच यह गलतफहमी फैला रहे हैं, लेकिन इसमें सच्चाई नहीं है। इस सवाल पर कि क्या सरकार न्यायपालिका के कामकाज में दखल दे रही है, उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि एक सवाल इसके उलट भी पूछा जा सकता है कि क्या न्यायपालिका सरकार के काम में दखल दे रही है।

संविधान हर संस्थान के लिए एक लक्ष्मण रेखा को अनिवार्य बनाता है

कानून मंत्री ने कहा कि हमारा संविधान हर संस्थान के लिए एक लक्ष्मण रेखा को अनिवार्य बनाता है। इसका सम्मान किया जाना चाहिए। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कम करने या न्यायपालिका के काम में हस्तक्षेप के लिए कुछ नहीं किया है। कहा कि अदालती मामलों की बढ़ती संख्या देश के लिए सबसे बड़ी चिंता है। इसका समाधान प्रौद्योगिकी में समाहित है। रिजिजू ने कहा कि भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ आनलाइन सुनवाई और ई-फाइलिंग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रहे हैं।

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