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'राम भक्त ने किया लोकतंत्र रूपी सीता का अपहरण' सामना में शिवसेना (UBT) ने बोला बीजेपी पर बड़ा हमला

सामना संपादकीय में मेयर चुनाव परिणाम पर तंज कसा गया है।शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना ने आलोचना करते हुए अपने संपादकीय में कहा चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा की जीत बेईमानी और भीड़तंत्र की जीत है।दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का सिर चंडीगढ़ में शर्म से झुक गया और लोकतंत्र की यह हत्या गांधी जयंती के दिन हुई। 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजे घोषित किए गए थे

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Published: Thu, 01 Feb 2024 09:54 AM (IST)Updated: Thu, 01 Feb 2024 09:54 AM (IST)
सामना में शिवसेना (UBT) ने बोला बीजेपी पर बड़ा हमला (Image: Jagran)

एएनआई, महाराष्ट्र। चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजे पर विवाद के बीच शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' ने केंद्र पर तंज कसा है। चंडीगढ़ में भाजपा को मिली जीत को बेईमानी और भीड़तंत्र की जीत करार दिया है। सामना में कहा गया कि 'चंडीगढ़ में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का सिर शर्म से झुक गया।'

बता दें कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजे घोषित किए गए थे। इसमें भाजपा के मनोज सोनकर को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया गया। उन्होंने 16 वोटों से जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस-आप उम्मीदवार कुलदीप टीटा को केवल 12 वोट मिले थे। वहीं, आठ मत अवैध घोषित किये गये।

बेईमानी और भीड़तंत्र की जीत

शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' ने आलोचना करते हुए अपने संपादकीय में कहा 'चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा की जीत बेईमानी और भीड़तंत्र की जीत है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का सिर चंडीगढ़ में शर्म से झुक गया और लोकतंत्र की यह हत्या गांधी जयंती के दिन हुई।

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आप और कांग्रेस के पास 20-20 वोट थे, जबकि भाजपा के पास 16 वोट थे। फिर भी पीठासीन अधिकारी ने घोषणा की कि भाजपा ने मेयर की सीट जीत ली है, इसके लिए आपके आठ वोटों को खारिज कर दिया और सभागार से भाग गए। लोकतंत्र के इस 'डरावने शो' को चित्रित किया गया और दुनिया ने भाजपा के इस कायरतापूर्ण पक्ष को देखा।'

2024 का चुनाव कैसा होगा यह सबको समझ आ गया

इसमें आगे कहा गया कि 'धोखाधड़ी और बेईमानी के बिना बीजेपी मेयर का चुनाव नहीं जीत सकती, बीजेपी पिछले दस साल से केंद्र में सत्ता में है और 2024 में फिर से सत्ता में आने की बात कर रही है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जो भयानक बात हुई वह इस बात का उदाहरण है कि 2024 का चुनाव कैसा होगा और नतीजों के बाद संसद में कैसा खलनायक नाटक सामने आ सकता है।

चंडीगढ़ में जो हुआ वह सीधे तौर पर भाजपा की दादागिरी थी। जिन लोगों ने चंडीगढ़ में चुनाव जीतने की ईर्ष्या के कारण इतना जघन्य अपराध किया, वे देश के आम चुनाव जीतने के लिए निचले स्तर तक गिर जाएंगे।'

यह लोकतंत्र रूपी सीता का अपहरण

सामना में आगे कहा गया कि ये तथाकथित राम भक्त ही थे जिन्होंने लोकतंत्र रूपी सीता का अपहरण किया। इसमें कहा गया कि 'चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी ने 'अंडरवर्ल्ड' तरीके से गुंडागर्दी की है। कांग्रेस और आप जैसी पार्टियों को तोड़कर वहां सत्ता स्थापित करने में कोई सफलता नहीं मिली, इसलिए पीठासीन अधिकारी ने 8 वोटों को अवैध घोषित कर दिया और उन मतपत्रों को वापस ले लिया।

यह लोकतंत्र रूपी सीता का अपहरण है, जो चंडीगढ़ में खुलेआम हुआ। रावण को अब सीता का अपहरण करने की कोई जरूरत नहीं है। तथाकथित राम भक्तों ने ही उनका अपहरण किया था। यदि श्री राम अयोध्या लौट आए, तो वे फिर से परेशान हो जाएंगे और वनवास में चले जाएंगे, देश में ऐसी स्थिति है।'

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