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सच के साथी सीनियर्स: नवी मुंबई के सीनियर सिटिजन बने सच के साथी, फेक और रियल पोस्ट पर हुई बातचीत

जागरण न्‍यू मीडिया की फैक्‍ट चेकिंग टीम विश्‍वास न्‍यूज अपने सच के साथी सीनियर्स अभियान को लेकर महाराष्‍ट्र पहुंची। महाराष्‍ट्र के नवी मुंबई के सीनियर सिटिजन्स रिक्रेशन सेंटर में शनिवार को वरिष्‍ठ नागरिकों को मीडिया साक्षरता फैक्‍ट चेकिंग क्‍यों जरूरी है वित्‍तीय धोखाघड़ी से कैसे बचें के बारे में विस्‍तार से बताया गया। वोटर जागरूकता के बारे में बताए हुए फेक और रियल पोस्ट के अंतर को भी समझाया गया।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sat, 26 Oct 2024 09:14 PM (IST)
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नई मुंबई के सीनियर सिटिजन बने सच के साथी
मुंबई (मुंबई ब्‍यूरो)। जागरण न्‍यू मीडिया की फैक्‍ट चेकिंग टीम विश्‍वास न्‍यूज अपने 'सच के साथी सीनियर्स' अभियान को लेकर महाराष्‍ट्र पहुंची। महाराष्‍ट्र के नवी मुंबई के सीनियर सिटिजन्स रिक्रेशन सेंटर में शनिवार को वरिष्‍ठ नागरिकों को मीडिया साक्षरता, फैक्‍ट चेकिंग क्‍यों जरूरी है, वित्‍तीय धोखाघड़ी से कैसे बचें, के बारे में विस्‍तार से बताया गया।

इसके अलावा महाराष्‍ट्र चुनाव के बीच वोटर जागरूकता के बारे में बताए हुए फेक और रियल पोस्ट के अंतर को भी समझाया गया। कार्यक्रम को जागरण न्‍यू मीडिया के एग्जीक्यूटिव प्रेसीडेंट और एडिटर इन चीफ राजेश उपाध्याय और विश्‍वास न्‍यूज की सीनियर एडिटर उर्वशी कपूर ने संबोधित किया।

सीनियर एडिटर ने सभी प्रतिभागियों का किया आभार व्यक्त 

कार्यक्रम के अंत में जागरण न्‍यू मीडिया के सीनियर एडिटर मंयक शुक्‍ला ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्‍यक्त करते हुए भविष्‍य में जुड़े रहने के लिए कहा। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए जागरण न्‍यू मीडिया के एग्जीक्यूटिव प्रेसीडेंट और एडिटर इन चीफ राजेश उपाध्याय ने 'सच के साथी सीनियर्स' अभियान के बारे में विस्‍तार से बताते हुए कहा कि इस मीडिया साक्षरता कार्यक्रम का उद्देश्य वरिष्‍ठ नागरिकों को सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फर्जी पोस्ट से बचाना है।

वरिष्‍ठ नागरिक अपना काफी समय स्मार्टफोन पर बिताते हैं। ऐसे में उन्‍हें फर्जी पोस्‍ट या धोखाधड़ी वाले लिंक के जरिए आसानी से निशाना बनाया जा सकता है।

एआई के नुकसान और फायदे पर भी हुई बातचीत 

विश्‍वास न्‍यूज की सीनियर एडिटर उर्वशी कपूर ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के नुकसान और फायदे बताते हुए टूल्स की मदद से बनाए जा रहे डीपफेक वीडियो और तस्वीरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कई डीपफेक वीडियो का उदाहरण देते हुए कहा कि आजकल इस तरह के कई फर्जी वीडियो किसी प्रोडक्ट के प्रमोशन के लिए बनाए जा रहे हैं। ऐसे वीडियो को पहचानने के लिए उन्हें ध्यान से देखें।

अक्सर इन वीडियो में कुछ खामियां होती हैं। जैसे- चेहरे के हावभाव बनावटी दिखेंगे या अंगुलियों की बनावट या संख्या कुछ अजीब हो सकती है। ट्रेनिंग में सीनियर एडिटर उर्वशी कपूर ने विस्‍तार से फैक्ट चेकिंग टूल्स और जेनेरेटिव एआई के बारे में जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि यदि कोई भी सूचना आपको संदिग्ध लगती है, तो उसके बारे में कीवर्ड से गूगल पर ओपन सर्च किया जा सकता है। इससे उनके असली सोर्स तक पहुंचा जा सकता है।

वायरल तस्वीरों को गूगल लेंस टूल की मदद से जांचा

इससे आपको वायरल मैसेज की सच्चाई पता लग जाएगी। साथ ही उन्होंने उदाहरण के माध्यम से वायरल तस्वीरों को गूगल लेंस टूल की मदद से जांचना भी सिखाया।

जागरण न्‍यू मीडिया के एग्जीक्यूटिव प्रेसीडेंट और एडिटर इन चीफ राजेश उपाध्याय ने डिजिटल सेफ्टी के बारे में बताया कि जटिल पासवर्ड आपके अकाउंट को सुरक्षित रख सकता है। साथ ही किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। ऐसे लिंक्स के यूआरएल में असली वेबसाइट के यूआरएल की तुलना में मामूली सा बदलाव होता है। साथ ही ऐसी योजनाओं की जांच के लिए आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल्स को देखना चाहिए। इससे साइबर ठगी का शिकार होने से बचा जा सकता है।

कार्यक्रम के अंत में उर्वशी ने कहा कि चुनाव के दौरान कई फर्जी और भ्रामक पोस्ट जानबूझकर वायरल किए जाते हैं। फैक्ट चेकिंग टूल्स की मदद से उन्हें जांचने से आप फर्जी व भ्रामक सूचनाओं को फैलने से रोक सकते हैं और जागरूक मतदाता का फर्ज निभा सकते हैं।

27 अक्‍टूबर को पुणे में ट्रेनिंग

पुणे के आसावारी सोसायटी में रविवार को विश्‍वास न्‍यूज की टीम अपने 'सच के साथी सीनियर्स' अभियान को लेकर पहुंचेगी। वहां यह कार्यक्रम 11 बजे से शुरू होगा।

15 राज्‍यों में कार्यक्रम

महाराष्‍ट्र के अलावा, यह कार्यक्रम राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी आयोजित किया जा चुका है। विश्‍वास न्‍यूज अपने मीडिया लिटरेसी अभियान के तहत 15 राज्यों के 50 शहरों में वरिष्ठ और अन्य नागरिकों को मिस-इन्फॉर्मेशन के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रशिक्षित कर रही है। गूगल न्यूज इनीशिएटिव की पहल पर MICA के सहयोग से विश्वास न्यूज के इस अभियान का उद्देश्य समाज को भ्रामक सूचनाओं से निपटने के लिए तैयार करने के साथ उन्हें फैक्ट चेक की बुनियादी जानकारी से रूबरू कराना है।

'सच के साथी-सीनियर्स' अभियान के बारे में

'सच के साथी-सीनियर्स' विश्वास न्यूज का जागरूकता के लिए प्रशिक्षण और मीडिया साक्षरता अभियान है। विश्वास न्यूज जागरण समूह की फैक्ट चेकिंग टीम है, जो अब तक करीब छह करोड़ से अधिक नागरिकों को जागरूकता अभियान से जोड़ चुकी है। विश्वास न्यूज टीम इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग नेटवर्क (आईएफसीएन) और गूगल न्यूज इनीशिएटिव के साथ फैक्ट चेकिंग और मीडिया लिटरेसी पर 2018 से काम कर रही है।

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