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'महाराष्ट्र में मुस्लिमों को भी मिले आरक्षण', सपा ने शिंदे सरकार से की मांग; अजित पवार को याद दिलाया वादा

Maratha Quota Bill महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर सियासत खत्म नहीं हुई थी कि अब मुस्लिमों के लिए भी आरक्षण की मांग उठने लगी है। समाजवादी पार्टी ने मराठाओं की तरह मुस्लिमों को भी आरक्षण देने की मांग की है। सपा विधायक रईस खान ने डिप्टी सीएम अजित पवार को मुस्लिमों से किया गया उनका वादा भी याद दिलाया है।

By Agency Edited By: Mohd Faisal Updated: Tue, 20 Feb 2024 12:29 PM (IST)
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सपा ने शिंदे सरकार से की मुस्लिमों को आरक्षण देने की मांग। (फाइल फोटो)

एएनआई, मुंबई। Maratha Quota Bill: महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी मराठा आरक्षण बिल के मसौदे को मंजूरी दे दी है। शिंदे सरकार के इस फैसले पर अब महाराष्ट्र से समाजवादी पार्टी के विधायक रई खान ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मुस्लिमों को भी आरक्षण देने की मांग की है।

सपा विधायक ने शिंदे सरकार पर लगाया आरोप

सपा विधायक रईस शेख ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के पिछड़ेपन को खत्म करने और उनके साथ न्याय करने के लिए उन्हें भी जल्द से जल्द पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य में मुस्लिम समुदाय को नजरअंदाज किया जा रहा है।

'मुस्लिमों को भी मिले महाराष्ट्र में आरक्षण'

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब पिछली सरकार ने मराठा समुदाय को आरक्षण दिया था, उसी दिन एक अधिसूचना सामने आई थी कि मुस्लिमों को 5 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। आज हम देख रहे हैं कि मराठा समुदाय को न्याय मिल रहा है, जिसका हम स्वागत करते हैं, लेकिन मुस्लिम समुदाय की उपेक्षा की जा रही है। हम सरकार से अपील करते हैं कि जब आप न्याय कर रहे हैं तो अधिसूचना का पालन करें और सभी के साथ न्याय करें।

डिप्टी सीएम अजित पवार से की अपील

इसके साथ ही उन्होंने डिप्टी सीएम अजित पवार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का भी आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि मैं डिप्टी सीएम अजित पवार से अपील करता हूं, वह इस मुद्दे पर ध्यान दें और राज्य के अल्पसंख्यकों को न्याय दिलाएं। उन्होंने वादा किया था कि अल्पसंख्यकों के साथ कोई अन्याय नहीं किया जाएगा।

महाराष्ट्र में 10 फीसदी है मुस्लिम आबादी

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय की आबादी 10 फीसदी से ज्यादा है। जस्टिस राजिंदर सच्चर आयोग और जस्टिस रंगनाथ मिश्रा समिति ने मुस्लिम समुदाय के आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन पर रिपोर्ट जारी कर चुके हैं। साल 2009 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने डॉ. महमूदुर रहमान समिति का गठन किया था, जिसने शिक्षा और नौकरियों में मुस्लिम समुदाय के लिए आठ प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की थी।

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