संजय राउत ने CM शिंदे और फडणवीस से कहा- कर्नाटक चुनाव में महाराष्ट्र एकीकरण समिति के लिए करें प्रचार
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बेलगाम में स्थित महाराष्ट्र एकीकरण समिति के लिए प्रचार करने को कहा है। साथ ही संजय भी समिति के लिए मराठी भाषी क्षेत्रों में वोट मांगने के लिए जाएंगे।
By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sun, 30 Apr 2023 03:37 PM (IST)
मुंबई, पीटीआई। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को कर्नाटक में महाराष्ट्र एकीकरण समिति के लिए प्रचार करने को कहा है। राउत ने संवाददाताओं से बीतचीत में कहा कि सीएम और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र एकीकरण समिति के लिए प्रचार करना चाहिए।
एमएसई के लिए वोट मांगने बेलगाम जाएंगे राउत
महाराष्ट्र एकीकरण समिति कर्नाटक में बेलगाम-करवार बेल्ट के 865 "मराठी भाषी" गांवों को महाराष्ट्र में शामिल करने के लिए कई दशकों से एक आंदोलन चला रहा है। साथ ही जिले में कुछ सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा, "मैं महाराष्ट्र एकीकरण समिति के लिए वोट मांगने के लिए कर्नाटक में मराठी भाषी क्षेत्रों में जा रहा हूं।
सीएम शिंदे को बेलगाम में एमएसई के लिए करना चाहिए प्रचार
वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री फडणवीस को भी बेलगाम जाना चाहिए और एमईएस के लिए प्रचार करना चाहिए। राउत ने दावा किया कि वहां स्थिति अलग है क्योंकि बीजेपी वहां पर एमईएस को हराने के लिए बेलगाम गए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें शर्म आनी चाहिए कि वे मराठी लोगों को हराने गए हैं। राउत ने कहा कि सीएम शिंदे का दावा है कि उन्होंने महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा आंदोलन में भाग लिया था। इस संबंध में राउत ने कहा कि यदि सीएम शिंदे ने वास्तव में वास्तव में ऐसा किया था, तो उन्हें अभी भी बेलगाम में एमईएस के लिए प्रचार करने के लिए बेलगाम में होना चाहिए।यह भी पढे़ं- Tamil Nadu: DMK आईटी छापे से नहीं डरेगी, पार्टी ने मीसा का भी किया है सामना- उदयनिधि स्टालिन
बेलगाम-कारवार के मराठी लोगों के लिए प्रतिबद्ध है शिवसेना
संजय राउत ने कहा कि शिवसेना (UBT) बेलगाम-कारवार के मराठी भाषी लोगों के लिए प्रतिबद्ध है और जब शिवसेना विभाजित नहीं हुई थी तो हमारी पार्टी के 69 कार्यकर्ता इसमें शहीद हो गए थे। साथ ही पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे को सीमा रेखा पर तीन महीने की जेल हुई थी। बता दें कि भाजपा और शिंदे की शिवसेना पिछले साल जून से महाराष्ट्र में सहयोगी हैं।यह भी पढे़ं- Operation Kaveri: सूडान से भारतीय नागरिकों को निकालने का सिलसिला जारी, बेंगलुरु पहुंचे 229 लोग
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