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Maharashtra: शरद पवार को संप्रग अध्यक्ष बनने में रुचि नहीं, भाजपा विरोधी मोर्चे बना तो करेंगे समर्थन

Maharashtra एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उन्हें यूपीए का अध्यक्ष बनने में कोई रुचि नहीं है ना ही वह किसी भाजपा विरोधी मोर्चे का नेतृत्व करना चाहते हैं। लेकिन यदि इस प्रकार का कोई मोर्चा बनता है तो मैं उसे पूरा समर्थन और सहयोग करूंगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Sun, 03 Apr 2022 09:41 PM (IST)
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शरद पवार को संप्रग अध्यक्ष बनने में रुचि नहीं, भाजपा विरोधी मोर्चे का करेंगे समर्थन। फाइल फोटो
मुंबई, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि उन्हें संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का अध्यक्ष बनने में कोई रुचि नहीं है, ना ही वह किसी भाजपा विरोधी मोर्चे का नेतृत्व करना चाहते हैं। लेकिन यदि इस प्रकार का कोई मोर्चा बनता है, तो मैं उसे पूरा समर्थन और सहयोग करूंगा।कुछ दिनों पहले दिल्ली में शरद पवार की ही पार्टी राकांपा की युवा इकाई के अध्यक्ष ने पार्टी की एक बैठक में पवार को संप्रग अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा था। इस बैठक में खुद पवार भी मौजूद थे। रविवार को कोल्हापुर में पत्रकारों द्वारा इस संबंध में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा कि मैं इस तरह की कोई जिम्मेदारी नहीं लूंगा। यदि भाजपा का विकल्प तैयार करने की कोई पहल होती है, तो मैं उसे सहयोग और समर्थन देने को तैयार हूं।

अखिल भारतीय स्तर पर कांग्रेस की मौजूदगी आज भी है

पवार के अनुसार जब विपक्ष को साथ आने की बात कही जाती है, तो कुछ बातों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। ममता बनर्जी की टीएमसी पश्चिम बंगाल की सबसे मजबूत पार्टी है। इसी तरह कई और क्षेत्रीय पार्टियां भी अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत हैं। कांग्रेस भले इस समय सत्ता में नहीं है, लेकिन उसकी अखिल भारतीय स्तर पर मौजूदगी आज भी है। देश के हर राज्य, जिले व गांव में उसके कार्यकर्ता आज भी मिल जाएंगे। भाजपा का विकल्प तैयार करने के लिए उसे नेतृत्व संभालने की जरूरत है। हाल ही में भाजपा नेता नितिन गडकरी ने एक बयान में कहा था कि मजबूत लोकतंत्र के लिए देश में मजबूत विपक्ष होना जरूरी है। इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर पवार ने भी गडकरी के कथन का समर्थन करते हुए कहा कि यदि देश में सिर्फ एक ही पार्टी मजबूत रहेगी, तो वह पुतिन के समान हो जाएगी। रूस और चीन में वहां के राष्ट्रपतियों ने आजीवन सत्ता में रहने का प्रस्ताव पास करा लिया है। हम उम्मीद करते हैं कि भारत में कोई पुतिन नहीं होगा।

द कश्मीर फाइल्स तथ्यों पर आधारित नहीं

पवार ने हाल ही में प्रदर्शित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बारे में कहा कि यह फिल्म इस तरह बनाई गई है कि इसे देखकर एक धर्म के लोगों को गुस्सा आए। उन्होंने कहा कि यह फिल्म तथ्यों पर आधारित नहीं है। बल्कि यह भेदभाव व विद्वेष फैलाने का काम कर रही है। पवार कहते हैं कि यदि इस फिल्म का प्रचार इस देश के मुखिया द्वारा किया जा रहा हो, और उसकी पार्टी के लोग इसके फ्री टिकट बांट रहे हो, इसका मतलब है कि वे लोगों को बांटकर उसका राजनीतिक फायदा लेना चाहते हैं। उनका कहना है कि गोधरा कांड के बाद हुए गुजरात दंगों के दौरान हालात कश्मीर घाटी से भी ज्यादा खराब थे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि उस समय के गुजरात के मुखिया इन दंगों पर कुछ नहीं बोलते।

राज ठाकरे पर कसा तंज

एक दिन पहले ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने शरद पवार की पार्टी पर जातिवाद फैलाने का आरोप लगाया था। जिसका जवाब देते हुए राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी इसके विपरीत सभी लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है। राज ठाकरे को राकंपा का इतिहास देखना चाहिए। उन्होंने राज ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि साल में तीन-चार महीने ‘सुप्तावस्था’ में रहना उनकी ‘विशेषता’ है। उहोंने कहा कि राज ठाकरे अपनी किसी बात पर स्थिर नहीं रहते। मुंबई मनपा चुनाव में उनकी पार्टी कितनी प्रभावी रहेगी, यह कहा नहीं जा सकता।

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