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Mumbai News: शशि थरूर बोले, जाति का मुद्दा 1950 के मुकाबले आज के दौर में भारी

Mumbai News शशि थरूर ने कहा कि भारतीय समाज में जाति को लेकर लोग आजादी के समय से अधिक सचेत हैं।थरूर ने टाटा लिटरेचर उत्सव के दौरान लास्ट लीगेसी आफ अंबेडकर विषय पर चर्चा के दौरान कहा कि अब प्रत्येक जाति अपनी पहचान को लेकर बेहद सचेत हो गई है।

By AgencyEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Sat, 12 Nov 2022 07:10 PM (IST)
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शशि थरूर बोले, जाति का मुद्दा 1950 के मुकाबले आज के दौर में भारी। फोटो एएनआइ
मुंबई, एजेंसी। Mumbai News: कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा कि भारतीय समाज में आज जाति को लेकर लोग आजादी के समय से अधिक सचेत हैं। शनिवार को शशि थरूर ने टाटा लिटरेचर उत्सव (Tata Literature Festival) के दौरान लास्ट लीगेसी आफ अंबेडकर विषय पर चर्चा के दौरान कहा कि अब प्रत्येक जाति अपनी पहचान को लेकर बेहद सचेत हो गई है। यही कारण है कि राजनीतिक मोबलाइजेशन के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।

टाटा लिटफेस्ट में लांच हुई कांग्रेस नेता की नई पुस्तक

प्रेट्र के मुताबिक, शशि थरूर की किताब, अंबेडकर : ए लाइफ, ए बायोग्राफी आफ अंबेडकर की लांचिंग इस कार्यक्रम के दौरान की गई। इस दौरान कांग्रेस सांसद ने कहा कि बाबा साहब आंबेडकर जाति प्रथा को पूरी तरह से खत्म करने के पक्षधर थे। उन्हें ऐसा आभास था कि राजनीति पार्टियों में यह जाति आधारित सिस्टम अपनी और पकड़ बना लेगा। कार्यक्रम के दौरान श्रोता की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में शशि थरूर ने कहा कि जो पार्टियां छुआछूत आदि के खिलाफ हैं, वह भी चुनाव के दौरान जाति के आधार पर वोट चाहती हैं।

जाति सिस्टम पर कही ये बात

उन्होंने कहा कि अंबेडकर और जवाहरलाल नेहरू दोनों चाहते थे कि इस देश से जाति आधारित सिस्टम पूरी तरह से खत्म हो जाए। अंबेडकर जातिगत विसंगतियों के खिलाफ लड़े, क्योंकि उन्हें लगता था कि अगर यह चलता रहा तो आगे चलकर एक बड़ी समस्या पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि जाति अखबार में वैवाहिक विज्ञापन पेज के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में इसमें सुधार आएगा।

मल्लिकार्जुन खरगे से शशि थरूर हार गए थे कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव

कांग्रेस नेता शशि थरूर हाल ही में पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव हार गए थे। शशि थरूर यह चुनाव मल्लिकार्जुन खरगे से हारे हैं। शशि थरूर ने कहा कि मैं चुनाव परिणामों से परेशान नहीं हूं। यह शुरू से ही स्पष्ट था कि पार्टी के बड़े नेता मेरे प्रतिद्वंद्वी (मल्लिकार्जुन खरगे) के साथ रहेंगे। साथ ही, कहा कि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि पार्टी के अधिकांश सदस्य अपने में से एक का ही समर्थन करेंगे। अध्यक्ष पद के चुनाव में खरगे ने थरूर को बड़े अंतर से हराया है। कांग्रेस को 24 साल बाद गैर गांधी परिवार से अध्यक्ष मिला है। खरगे को अध्यक्ष पद के चुनाव में 7897 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी थरूर को 1072 वोट मिले।

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