Sheena Bora Case: इंद्राणी मुखर्जी को नहीं मिली हाई कोर्ट से राहत, विदेश जाने पर लगाई रोक
Sheena Bora Case बॉम्बे हाईकोर्ट से एकबार फिर इंद्राणी मुखर्जी को झटका लगा है। हाई कोर्ट ने विशेष सीबीआई अदालत द्वारा पारित आदेश पर अंतरिम रोक को बढ़ा दिया है जिसमें इंद्राणी मुखर्जी को यूरोप की यात्रा करने की अनुमति दी गई थी। बता दें कि इंद्राणी मुखर्जी पर 2012 में अपनी ही बेटी शीना बोरा की हत्या का आरोप है।
पीटीआई, मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने सोमवार को विशेष अदालत के आदेश पर अंतरिम रोक दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी है। विशेष अदालत के आदेश में शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी पूर्व मीडिया कार्यकारी इंद्राणी मुखर्जी को विदेश यात्रा की अनुमति दी गई थी।
उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह निचली अदालत के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी, जिसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस आदेश को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति एस सी चांडक की एकल पीठ ने सोमवार को याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी और तब तक के लिए अंतरिम रोक बढ़ा दी।
'विदेश यात्रा के लिए अनुमति देना उचित नहीं'
विशेष सीबीआई अदालत ने 19 जुलाई को जमानत पर रिहा मुखर्जी को अगले तीन महीनों के दौरान बीच-बीच में दस दिनों के लिए एक बार यूरोप (स्पेन और यूनाइटेड किंगडम) की यात्रा करने की अनुमति दी थी। सीबीआई के अधिवक्ता श्रीराम शिरसाट ने तर्क दिया था कि मुखर्जी को देश से बाहर (यात्रा के लिए) जाने की अनुमति देना उचित नहीं होगा, क्योंकि वह विचाराधीन मुख्य आरोपी हैं।मुखर्जी ने पिछले महीने विशेष अदालत से मांगा था अनुमति
विशेष अदालत ने मुखर्जी को निर्देश दिया था कि वह यात्रा के दौरान (स्पेन और ब्रिटेन में) भारतीय दूतावास या उसके संबद्ध राजनयिक मिशन कार्यालयों में उपस्थित हों और उपस्थिति प्रमाण पत्र प्राप्त करें तथा 2 लाख रुपये की सुरक्षा राशि जमा कराएं। मुखर्जी ने पिछले महीने विशेष अदालत से अनुमति मांगते हुए एक आवेदन दायर किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उन्हें काम के लिए अक्सर यूरोप जाना पड़ता है।
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