Sheena Bora Murder Case: '2012 में नहीं मिला था कोई कंकाल... सब मनगढ़ंत कहानी', बरामद अवशेष गायब होने पर बोलीं इंद्राणी मुखर्जी
Sheena Bora Murder Case हाई प्रोफाइल शीना बोरा मर्डर केस में हाल ही में अभियोजन पक्ष ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा था कि पुलिस द्वारा बरामद किए गए केस से जुड़े अवशेष गायब हो गए हैं। अब इंद्राणी मुखर्जी ने आरोप लगाया है कि यह पूरा मामला मनगढ़ंत कहानी है और उन्हें लगता है कि 2012 में कोई अवशेष नहीं मिला था।
एएनआई, मुंबई। शीना बोरा मर्डर केस में मुख्य आरोपियों में से एक इंद्राणी मुखर्जी ने आरोप लगाया है कि मामले की जांच में हेरफेर की गई है और उन्हें लगता है कि 2012 में कोई भी कंकाल का अवशेष नहीं मिला था। गौरतलब है कि हाल ही में पुलिस द्वारा बरामद किए गए मर्डर केस से जुड़े अवशेष गायब होने की जानकारी सामने आई थी।
अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि सीबीआई ने जिन हड्डियों को शीना बोरा के अवशेष बताया था, वो अब लापता हैं। अब इंद्राणी मुखर्जी ने इसे मनगढ़ंत कहानी बताया है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, 'मेरे व्यक्तिगत विचार में, मुझे लगता है कि 2012 मई में कभी भी कोई कंकाल का अवशेष नहीं मिला। यह सब एक मनगढ़ंत कहानी थी क्योंकि यह स्वीकार करना बहुत मुश्किल है कि सीबीआई जैसी प्रमुख एजेंसी की हिरासत से, इस तरह के महत्वपूर्ण मामले सामने आए।'
जल्दीबाजी में की गई जांच: इंद्राणी
सबूत गायब होने पर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सबूत कभी मौजूद ही नहीं थे और कई तरह की एजेंसियों और संगठनों द्वारा की गई इस हेरा-फेरी भरी जांच के कारण मुझे लगता है कि जांच आधी-अधूरी थी और हर कोई जल्दबाजी में था मुझ पर आरोप लगाने के लिए क्योंकि उनके पास समय समाप्त हो रहा था।फिर पूछताछ की मांग
अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या मामले में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी ने कहा कि आवश्यक लोगों से फिर से पूछताछ की जानी चाहिए कि एक डीएनए विशेषज्ञ को डीएनए रिपोर्ट बनाने के लिए मुद्रित निर्देशांक को क्यों काटना पड़ा और उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करनी पड़ी। मुझे लगता है कि चूंकि राहुल मुखर्जी मेरी बेटी के मंगेतर होने का दावा करते हैं और उनका दावा है कि उन्होंने आखिरी बार उसे देखा था, इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।