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ग्रामीण विकास, बुनियादी ढांचे में सुधार और सामाजिक कल्याण से जुड़े उपक्रमों की शुरुआत कर नई पहचान बना रहे शिंदे

अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई बुनियादी ढांचे में सुधार ग्रामीण विकास और सामाजिक कल्याण से जुड़े उपक्रमों की शुरुआत की है। लोगों का कहना था कि शिंदे के नेतृत्व में मुख्यमंत्री पद की परिभाषा केवल सत्ता या अधिकार तक सीमित नहीं रही है। उन्होंने इस पद को कॉमन मैन (साधारण आदमी) की तरह देखा है जिससे उनका काम और भी प्रभावी और जनसुलभ हो गया है।

By Jagran News Edited By: Anurag Mishra Updated: Mon, 30 Sep 2024 12:20 AM (IST)
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बुनियादी ढांचे में सुधार, ग्रामीण विकास, और सामाजिक कल्याण से जुड़े उपक्रमों की शुरुआत की है।

 महाराष्ट्र में बुद्धिजीवी वर्ग द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा का आयोजन किया गया। सेमिनार में बुद्धिजीवी वर्ग का कहना था कि बीते कुछ समय में महाराष्ट्र में विकास तेजी से बढ़ा है। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई बुनियादी ढांचे में सुधार, ग्रामीण विकास, और सामाजिक कल्याण से जुड़े उपक्रमों की शुरुआत की है।

लोगों का कहना था कि शिंदे के नेतृत्व में, मुख्यमंत्री पद की परिभाषा केवल सत्ता या अधिकार तक सीमित नहीं रही है। उन्होंने इस पद को 'कॉमन मैन' (साधारण आदमी) की तरह देखा है, जिससे उनका काम और भी प्रभावी और जनसुलभ हो गया है। कृषि क्षेत्र, किसानों की समस्याओं, और विभिन्न जनकल्याण योजनाओं में शिंदे ने व्यक्तिगत रूप से रुचि ली है, जिससे उनकी लोकप्रियता में बढ़ोतरी हुई है।

उनके राजनीतिक सफर की कहानी एक साधारण पृष्ठभूमि से शुरू हुई है, और उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भी खुद को एक आम आदमी की तरह जनता के लिए काम करने वाला नेता बनाए रखा है। मुख्यमंत्री होने के बावजूद, शिंदे हमेशा लोगों के बीच रहना पसंद करते हैं।

अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई बुनियादी ढांचे में सुधार, ग्रामीण विकास, और सामाजिक कल्याण से जुड़े उपक्रमों की शुरुआत की है। उनकी इस सक्रियता से महाराष्ट्र के आम लोगों की जीवनशैली में सुधार हुआ है।

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