ECI के नोटिस को नहीं मानेंगे... पार्टी के गाने से 'हिंदू', जय भवानी शब्द भी नहीं हटाएंगे; उद्धव ठाकरे की दो टूक
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को चुनाव आयोग के नोटिस द्वारा दिए गए उस निर्देश को मामने से इनकार कर दिया जिसमें आयोग ने कहा है कि ठाकरे की पार्टी जारी किए गए अपने नए गाने से जय भवानी और हिंदू शब्द को हटा ले। ठाकरे ने कहा कि पार्टी के गाने से जय भवानी शब्द को हटाने के लिए कहना महाराष्ट्र का अपमान है।
पीटीआई, मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को चुनाव आयोग के नोटिस द्वारा दिए गए उस निर्देश को मामने से इनकार कर दिया, जिसमें आयोग ने कहा है कि ठाकरे की पार्टी जारी किए गए अपने नए गाने से 'जय भवानी और हिंदू' शब्द को हटा ले।
राजधानी मुंबई में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि पार्टी के गाने से 'जय भवानी' शब्द को हटाने के लिए कहना महाराष्ट्र का अपमान है।
पार्टी को लोकप्रिय बनाने के लिए लेकर आए नया गाना- ठाकरे
ठाकरे ने जानकारी देते हुए कहा कि उनकी पार्टी शिवसेना अपने नए चुनाव चिह्न 'जलती हुई मशाल मशाल' को लोकप्रिय बनाने के लिए एक गान लेकर आई है। मगर, चुनाव आयोग ने इसमें से 'हिंदू' और 'जय भवानी' शब्द को हटाने को कहा है।यह अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा- शिवसेना
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज ने देवी तुलजा भवानी के आशीर्वाद से हिंदवी स्वराज की स्थापना की थी। हम देवी या हिंदू धर्म के नाम पर वोट नहीं मांग रहे हैं। यह अपमान है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
इसके साथ ही शिवसेना यूबीटी प्रमुख ने कहा कि वह अपनी सार्वजनिक बैठकों में जय भवानी और जय शिवाजी कहने की प्रथा जारी रखेंगे।
चुनाय आयोग पर लगाया भेदभाव के आरोप
उन्होंने कहा, कि "अगर चुनाव आयोग हमारे खिलाफ कार्रवाई करता है, तो उन्हें हमें बताना होगा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए लोगों से जय बजरंग बली कहने और ईवीएम पर बटन दबाने के लिए कहा था, तो उन्होंने क्या किया। अमित शाह ने लोगों से कहा था कि वे अयोध्या में मुफ्त में रामलला के दर्शन कराने के लिए भाजपा को वोट दें।"
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