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Mumbai: शिवसेना के दोनों गुटों में भिड़ंत, बीएमसी प्रशासन ने सील किए सभी पार्टी कार्यालय

शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट एवं एकनाथ शिंदे गुट में भिड़ंत के बाद मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) प्रशासन ने बीएमसी मुख्यालय स्थित सभी राजनीतिक दलों के कार्यालय सील कर दिए हैं। बीएमसी प्रशासन ने यह कदम पुलिस की सलाह पर उठाया है।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 29 Dec 2022 09:19 PM (IST)
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शिवसेना के दोनों गुटों में भिड़ंत, बीएमसी प्रशासन ने सील किए सभी पार्टी कार्यालय।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट एवं एकनाथ शिंदे गुट में भिड़ंत के बाद मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) प्रशासन ने बीएमसी मुख्यालय स्थित सभी राजनीतिक दलों के कार्यालय सील कर दिए हैं। बीएमसी प्रशासन ने यह कदम पुलिस की सलाह पर उठाया है।

दोनों गुटों के बीच तनातनी

बुधवार शाम बालासाहेबांचे शिवसेना यानी शिंदे गुट के सांसद राहुल शेवाले, स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष यशवंत जाधव एवं पूर्व पार्षद शीतल म्हात्रे बीएमसी के भूतल स्थित शिवसेना के पार्टी कार्यालय पहुंचे। वहां पहले से मौजूद उद्धव गुट के पार्षदों ने उनका तगड़ा विरोध किया। दोनों गुटों में करीब एक घंटे तक तनातनी की स्थिति बनी रही।

कार्यालय किए गए सील

दोनों गुटों के बीच जवाबी नारेबाजी भी होती रही। आखिरकार पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति शांत हो सकी। इसके बाद गुरुवार सुबह बीएमसी मुख्यालय स्थित सभी पार्टी कार्यालय सील पाए गए। बीएमसी प्रशासन का कहना है कि टकराव रोकने के लिए पुलिस की सलाह पर ऐसा किया गया है।

बीएमसी पर शिवसेना का कब्जा

बता दें कि मुंबई महानगरपालिका पर पिछले 30 साल से शिवसेना का कब्जा है। लेकिन अब शिवसेना में हो चुके विभाजन के बाद निकट भविष्य में होने वाले बीएमसी चुनाव में भी उद्धव ठाकरे गुट के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं। पिछले बीएमसी चुनाव में शिवसेना से सिर्फ दो सीट पीछे रह गई भाजपा इस बार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट एवं राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को साथ लेकर उद्धव ठाकरे को धूल चटाने का मन बना चुकी है।

कुछ पार्षद भी शिंदे के साथ

शिवसेना के 40 विधायकों और 13 सांसदों की तर्ज पर हाल ही में मुंबई के कुछ पार्षद भी उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर शिंदे के साथ जा चुके हैं। इसी कड़ी में शिंदे गुट बुधवार को बीएमसी के शिवसेना कार्यालय पर भी दावा ठोकने पहुंचा था। लेकिन तनाव के बाद अब यह कार्यालय ही सील कर दिया गया है। यानी कार्यालय का उपयोग अब उद्धव गुट भी नहीं कर सकेगा।

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