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'अटल बिहारी PM होते तो वो भी लगाते इमरजेंसी', संविधान हत्या दिवस पर ये क्या बोल गए संजय राउत

अगर अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री होते तो वे भी आपातकाल लगा देते। ये बात शिवसेना UBT के नेता संजय राउत ने कहा है। दरअसल केंद्र सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस ​​घोषित किया है जिसको लेकर विपक्षी अब लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है। संजय राउत ने शनिवार को कहा कि बीजेपी के पास कोई काम नहीं बचा है।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sat, 13 Jul 2024 02:45 PM (IST)
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संविधान हत्या दिवस पर ये क्या बोल गए संजय राउत? (Image: ANI)
एएनआई, मुंबई। Samvidhan Hatya Diwas: भारत सरकार ने 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' ​​घोषित किया। हालांकि, इसके बाद से सियासी घमासान मच गया है। शिवसेना UBT के नेता संजय राउत ने भाजपा को आड़े हाथों लिया। 

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संजय राउत ने शनिवार को कहा कि बीजेपी के पास कोई काम नहीं बचा है। 50 साल हो गए हैं और लोग आपातकाल को भूल चुके हैं। उन्होंने सफाई दी कि आपातकाल इसलिए लगाया गया था क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला था। 

अगर अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री होते तो

राउत ने कहा कि 'इस देश में आपातकाल क्यों लगाया गया था? कुछ लोग देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं। रामलीला मैदान से खुला एलान किया गया, हमारे जवानों और सेना को कहा गया कि सरकार के आदेश का पालन न करें। तो ऐसी स्थिति में अगर अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री होते तो वे भी इमरजेंसी लागू कर देते। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला था, कुछ लोग देश में बम बना रहे थे और विभिन्न जगहों पर बम विस्फोट कर रहे थे। मैं आपको बताना चाहता हूं कि अमित शाह को आपातकाल के बारे में कुछ भी पता नहीं है। बाला साहब ठाकरे ने उस समय आपातकाल का खुलकर समर्थन किया था। आरएसएस ने भी इसका समर्थन किया था।'

1975 में आपातकाल का खुलकर समर्थन किया था

राउत ने समाचार एजेंसी  ANI से कहा कि 'शिवसेना नेता बालासाहेब ठाकरे ने 1975 में आपातकाल का खुलकर समर्थन किया था। उन्होंने इंदिरा गांधी का खुलकर समर्थन किया था। मुंबई में उनका स्वागत किया गया था। उन्होंने आपातकाल का समर्थन किया था क्योंकि उन्हें लगा था कि देश में अराजकता को नियंत्रित करने की जरूरत है। इसमें गलत क्या था? बीजेपी के 10 साल के शासन में जो हुआ, उसे याद रखा जाएगा। वे संविधान के रक्षक भी नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि उस समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को नहीं लगा कि संविधान की हत्या की गई है।'

'भाजपा कौन हैं? उनके पास काम नहीं है

राउत ने आगे कहा कि 'भाजपा कौन हैं? उनके पास काम नहीं है, इसलिए वे देश के लोगों को भटका रहे हैं। उनका दिमाग ठिकाने नहीं है। अगर हम आपातकाल की बात करें तो पिछले 10 सालों में मोदी सरकार का हर दिन संविधान की हत्या के लिए जाना जाएगा।'

इससे पहले 26 जून को लोकसभा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। अध्यक्ष ओम बिरला ने इस अधिनियम की निंदा करते हुए प्रस्ताव पढ़ा और कहा कि 25 जून 1975 को भारत के इतिहास में हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा।

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