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Shiv Sena Dussehra Rally: उद्धव ठाकरे के तीखे वार तो एकनाथ शिंदे का पलटवार, दोनों रैलियों की मुख्य बातें

महाराष्ट्र के शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे ने अपने समर्थकों के सामने मंच पर माथा टेककर प्रणाम किया उसी तरह बीकेसी मैदान में एकनाथ शिंदे ने भी मंच पर अपने समर्थकों के सामने माथा टेका और उद्धव ठाकरे द्वारा खुद पर लगाए जा रहे आरोपों का जमकर जवाब दिया।

By Jagran NewsEdited By: Vijay KumarUpdated: Thu, 06 Oct 2022 04:57 AM (IST)
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एकनाथ शिंदे का पलटवार, उद्धव ठाकरे के तीखे वार
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे ने अपने समर्थकों के सामने मंच पर माथा टेककर प्रणाम किया, उसी तरह बीकेसी मैदान में एकनाथ शिंदे ने भी मंच पर अपने समर्थकों के सामने माथा टेका और उद्धव ठाकरे द्वारा खुद पर लगाए जा रहे आरोपों का जमकर जवाब दिया।

हमें भाजपा से हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं – उद्धव

उद्धव ठाकरे ने मुंबई के शिवाजी पार्क में शिवसेना के अपने गुट की रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हमें भाजपा से हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं है। उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी प्रहार करते हुए कहा कि समय के साथ रावण भी बदल रहा है। इस बार का रावण खोखासुर और धोखासुर है।

पार्टी में बड़े विभाजन के बाद पहली बार शिवाजी पार्क में बड़ी संख्या में जुटे अपने समर्थक शिवसैनिकों के सामने उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री शिंदे और भाजपा दोनों पर जमकर बरसे। उनका ज्यादा गुस्सा भाजपा पर नजर आया। उस पर निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने जब पीठ पर वार किया, तो उसे सबक सिखाने के लिए हमने महाविकास आघाड़ी का गठन किया।

पाकिस्तान जाकर जिन्ना की कब्र पर मत्था टेकनेवालों

उद्धव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर एक बार फिर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि मैं शिवाजी महाराज को साक्षी मानकर अपने माता-पिता की शपथ लेकर कह रहा हूं कि अमित शाह ने ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद बांटने का वायदा किया था। उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व के मुद्दे पर भी भाजपा को घेरते हुए कहा कि लोग कहते हैं कि मैंने हिंदुत्व छोड़ दिया है। हमें भाजपा से हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं है। पाकिस्तान जाकर जिन्ना की कब्र पर मत्था टेकनेवालों और नवाज शरीफ के यहां केक खानेवालों से हमें हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं है।

होसबोले जी का अभिनंदन करता हूं

उद्धव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के एक बयान को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री देश की प्रगति की बात कर रहे थे, तो अगले ही दिन होसबोले ने सच्चाई बयान कर उनके बयान की हवा निकाल दी। उद्धव ने कहा कि मैं होसबोले जी से कभी मिला नहीं हूं। लेकिन मैं अभिनंदन करता हूं उनका। उन्होंने भाजपा सरकार को आईना दिखाने का काम किया है। लेकिन दूसरी ओर संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत को घेरते हुए उद्धव ने कहा कि वह आजकल मस्जिद में क्यों जा रहे हैं ? वह मस्जिद में जाते हैं तो कहा जाता है कि मुस्लिमों से संवाद करने जा रहे हैं, और जब हम कांग्रेस के साथ जाते हैं, तो हमें हिंदुत्व विरोध बताया जाता है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बताया गद्दार

उद्धव ने हमेशा की तरह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को गद्दार बताते हुए उन्हें कटप्पा की उपाधि दी। शिवाजी पार्क हर साल शिवसेना की रैली के बाद ही रावण दहन का कार्यक्रम होता है। उद्धव ने एक बार शिंदे को गद्दार बताते हुए कहा कि इस बार का रावण अलग है। समय के साथ रावण भी बदलता है। इस बार का रावण खोखासुर (करोड़ों रुपए लेनेवाला) और धोखासुर है। जिस प्रकार रावण ने साधु का रूप धर कर सीताहरण किया था, उसी तरह आजकल शिवसेना का ही पाला हुआ एक तोता बालासाहब ठाकरे की तस्वीर सामने रखकर शिवसेना पर कब्जा करना चाह रहा है। जिस आदिशक्ति ने महिषासुर को मारा था, वही महिषासुरमर्दिनी इस खोखासुर को खत्म करेंगी।

गद्दारी हमने नहीं, आपने की है– एकनाथ शिंदे

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई के बीकेसी मैदान में शिवसेना के अपने गुट की रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे को संबोधित करते हुए कहा कि आपने बालासाहब विचारों को छोड़कर वैचारिक व्यभिचार किया है। गद्दारी हमने नहीं, आपने की है। एकनाथ शिंदे ने कहा कि बालासाहब रिमोट से सरकार चलाते थे, आपने तो अपनी ही सरकार का रिमोट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के हाथ में दे दिया। शिंदे ने कहा कि बालासाहब के विचारों को तिलांजलि देनेवालों को शिवाजी पार्क में बोलने का नैतिक अधिकार ही नहीं है। उन्हें शिवाजी पार्क में ही स्थित बालासाहब ठाकरे की समाधि पर माथा टेककर उनके विचारों से गद्दारी करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।

गद्दार तो मैं नहीं तुम हो

शिंदे ने कहा कि हमने जो किया, वह बालासाहब ठाकरे के विचारों एवं शिवसेना को बचाने के लिए खुलेआम किया। यह गद्दारी नहीं, गदर है। 1857 जैसी क्रांति है। अपने मंच पर बालासाहब ठाकरे की कुर्सी एवं उनकी तस्वीर पर पुष्पार्पण करनेवाले शिंदे ने उद्धव पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने बालासाहब ठाकरे के सपनों के अनुसार कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने का काम किया, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, उन्हें आप अफजल खान कहकर उनकी खिल्ली उड़ाते हैं। जबकि आपने खुद बालासाहब के विचारों को सत्ता और कुर्सी के लालच में छोड़ दिया। जिस याकूब मेमन ने मुंबई में विस्फोट करवाकर सैकड़ों लोगों की जान ली। उसकी फांसी की सजा के विरोध में अपील करनेवाले विधायक को आपने अपनी सरकार में मंत्री बना दिया। इसलिए गद्दार तो मैं नहीं तुम हो।

कटप्पा का भी ईमान था, आप तो दोगली राजनीति करते हैं

शिंदे ने दोहराया कि 2019 में शिवसेना के मतदाताओं ने मतदान शिवसेना-भाजपा गठबंधन के लिए किया था। लेकिन चुनाव परिणाम आते ही आपने गठबंधन का साथ छोड़कर महाविकास आघाड़ी बना ली। उद्धव ने अपने भाषण में शिंदे को कटप्पा बताया था। इसका जवाब देते हुए शिंदे ने कहा कि कटप्पा का भी ईमान था, आप तो दोगली राजनीति करते हैं।

शिंदे के मंच पर ठाकरे परिवार के कई सदस्य

बता दें कि आज एकनाथ शिंदे के मंच पर ठाकरे परिवार के कई सदस्य नजर आए। बालासाहब ठाकरे के समय भी कभी उनके मंच पर न आनेवाले उनके दूसरे पुत्र एवं उद्धव के मंझले बड़े भाई जयदेव ठाकरे भी आज एकनाथ शिंदे के मंच पर आए। उन्होंने कहा कि ठाकरे को कोई बांधकर नहीं ला सकता। मैंने शिंदे के कुछ काम देखे हैं। इसलिए उनके प्रेमवश यहां आ गया हूं।

जयदेव का उनकी पत्नी स्मिता से अलगाव हो चुका है। लेकिन शिंदे के मंच पर जयदेव के जाने के बाद आज स्मिता ठाकरे भी पहुंचीं। उद्धव के बड़े भाई बिंदुमाधव ठाकरे के पुत्र निहार ठाकरे तो पहले ही शिवसेना के शिंदे गुट में शामिल हो चुके हैं। आज भी वह अपनी चाची स्मिता ठाकरे के साथ शिंदे के मंच पर बैठे दिखाई दिए।

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