Move to Jagran APP

चाचा और भतीजे के बीच नाम को लेकर ठनी! अजित बोले- शरद पवार की आपत्ति के बाद हम...

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने के बाद कहा कि राकांपा में विभाजन के बाद उनकी पार्टी ने शुरू में उनके चाचा शरद पवार के नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा कि जब शरद पवार अपनी तस्वीरों और नाम के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई और कार्रवाई की चेतावनी दी तो हमने उनके नाम-तस्वीरों का इस्तेमाल करना बंद कर दिया।

By Jagran News Edited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 14 Mar 2024 06:26 PM (IST)
Hero Image
राकांपा के संस्थापक शरद पवार और राकांपा प्रमुख अजित पवार (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राकांपा अध्यक्ष अजित पवार (Ajit Pawar) ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने के बाद कहा कि राकांपा में विभाजन के बाद उनकी पार्टी ने शुरू में उनके चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) के नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल किया था, लेकिन बाद में उनकी आपत्ति के बाद उन्होंने राज्य के पहले मुख्यमंत्री यशवंत राव चव्हाण का नाम और तस्वीरें इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।

क्या है पूरा मामला?

उन्होंने यह बयान तब दिया जब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को शरद पवार गुट द्वारा दायर एक याचिका पर अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से जवाब मांगा, जिसमें राजनीतिक लाभ के लिए उनके नाम और तस्वीरों के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था।

SC ने दिया यह निर्देश

बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने आज अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी को स्पष्ट और बिना शर्त आश्वासन देने का निर्देश दिया है कि उनकी पार्टी शरद पवार के नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल न करे। अपने गृह नगर बारामती में पत्रकारों से बात करते हुए अजित पवार ने कहा,

महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) - शिवसेना सरकार के साथ गठबंधन करने के बाद, उनकी पार्टी ने शरद पवार के नाम और छवियों का उपयोग करना शुरू कर दिया था, लेकिन जब उन्होंने (शरद पवार) अपनी तस्वीरों और नाम के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई और कार्रवाई की चेतावनी दी, तो हमने उनके नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल करना बंद कर दिया। अब हम यशवंतराव चव्हाण की तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे हैं और लोगों के पास जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें: 'महायुति' के बीच सीट बंटवारे का मामला 80 प्रतिशत सुलझा, फडणवीस ने कहा - मनसे का रुख BJP से अलग नहीं

शरद पवार को EC ने दिया था झटका

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा पिछले साल जुलाई में तब विभाजित हो गई थी, जब अजित पवार और उनका समर्थन करने वाले विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे। चुनाव आयोग ने बाद में अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी को पार्टी का नाम 'एनसीपी' और चुनाव चिह्न 'घड़ी' आवंटित किया था, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को अब एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के नाम से जाना जाता है और उनके संगठन का प्रतीक 'तुरही बजाता आदमी' है।

बता दें कि शरद पवार यशवंतराव चव्हाण को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं। महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री होने के अलावा चव्हाण देश के रक्षा मंत्री भी रहे थे।

यह भी पढ़ें: CAA पर हर कन्फ्यूजन होगी दूर, गृह मंत्री अमित शाह की यह 10 बातें आपके हर सवाल का देंगी जवाब

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।